RBI ने ब्याज दरों को नहीं बदला, लोन लेने वालों को राहत!

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RBI ने ब्याज दरों को नहीं बदला, लोन लेने वालों को राहत!

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Photo Credit: upuklive


आरबीआई की एमपीसी में छह सदस्य होते हैं. इसमें बाहरी और आरबीआई के अधिकारी दोनों शामिल होते हैं. गवर्नर दास के साथ आरबीआई के अधिकारी राजीव रंजन कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम करते हैं और माइकल देवव्रत पात्रा डिप्टी गवर्नर हैं.

शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट (RBI Monetary Policy Meeting) में 6 बार में 2.50% की बढ़ोतरी की गई. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली बैठक अप्रैल-2022 में हुई थी. तब आरबीआई ने रेपो रेट को 4% पर स्थिर रखा था।

लेकिन आरबीआई ने 2 और 3 मई को आपात बैठक बुलाकर रेपो रेट को 0.40% बढ़ाकर 4.40% कर दिया था. रेपो रेट में यह बदलाव 22 मई 2020 के बाद हुआ। इसके बाद 6 से 8 जून तक हुई बैठक में रेपो रेट में 0.50% की बढ़ोतरी की गई।

इससे रेपो रेट 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई। फिर अगस्त में इसमें 0.50% की बढ़ोतरी की गई, जिससे यह 5.40% पर पहुंच गई। सितंबर में ब्याज दरें 5.90% हो गईं। फिर दिसंबर में ब्याज दरें 6.25% पर पहुंच गईं।

इसके बाद फरवरी में वित्त वर्ष 2022-23 की आखिरी मौद्रिक नीति बैठक हुई, जिसमें ब्याज दरें 6.25% से बढ़ाकर 6.50% कर दी गईं।

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