केंद्रीय बजट 2025-26 में किसानों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है
1। यह फैसला देश के 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
किसानों के लिए नई उम्मीद
इस महत्वपूर्ण घोषणा के साथ सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का भी शुभारंभ किया है। यह योजना विशेष रूप से कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में लागू की जाएगी, जहां फसलों की तीव्रता कम है और क्रेडिट की उपलब्धता औसत से नीचे है। इस कदम से न केवल किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों को विशेष लाभ
यह योजना विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि राज्य में देश के कुल केसीसी कार्डधारकों का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है। राज्य में लघु एवं सीमांत कृषक परिवारों की संख्या 92.5 प्रतिशत है, जिनमें अधिकांश किसानों के पास 0.5 हेक्टेयर से कम भूमि है।
किसानों के लिए व्यापक सुधार
सरकार ने केवल केसीसी की सीमा ही नहीं बढ़ाई है, बल्कि कृषि क्षेत्र में कई अन्य महत्वपूर्ण सुधारों की भी घोषणा की है। बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की जाएगी। साथ ही, असम में एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध हो सकेगा।
फल और सब्जी उत्पादकों के लिए विशेष योजना
वित्त मंत्री ने फल और सब्जी उत्पादकों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना है। बिहार में मखाना उत्पादकों के लिए एक विशेष बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जो किसानों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करेगा।
दलहन उत्पादन को बढ़ावा
सरकार ने अगले छह वर्षों के लिए एक विशेष दलहन कार्यक्रम की भी घोषणा की है, जिसमें तूर, उड़द और मूंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्षों तक दालों की खरीद करेंगे, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।
यह बजट कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। केसीसी की बढ़ी हुई सीमा और अन्य योजनाओं से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश की कृषि उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'किसानों की आय दोगुनी करने' के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।