500 के नोट पर आया सरकार का बड़ा फैसला, जानिए निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?

भारत आज डिजिटल क्रांति के सुनहरे दौर से गुजर रहा है, जहां नकदी का चलन कम हो रहा है और डिजिटल भुगतान का बोलबाला बढ़ रहा है।
500 रुपये के नोट के भविष्य पर एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत मानवतावाद व्याख्यान' के 60वें संस्करण में इस दिशा में सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि छोटे मूल्यवर्ग के नोट जैसे ₹10, ₹20, ₹50, ₹100 और ₹200 का उपयोग बढ़ाया जाए, ताकि रोजमर्रा के लेनदेन में लोगों को आसानी हो। साथ ही, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे भारत एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ सके।
UPI: डिजिटल भारत का नया इंजन
भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति का सबसे बड़ा नायक है Unified Payments Interface (UPI), जिसने दिसंबर 2024 में 16.73 बिलियन लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान ₹23.25 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ, जो नवंबर 2024 के ₹21.55 लाख करोड़ से काफी अधिक है। साल 2024 में UPI ने कुल 172 बिलियन लेनदेन संसाधित किए, जो पिछले साल के 117.64 बिलियन की तुलना में 46% की शानदार वृद्धि दर्शाता है। UPI के साथ-साथ Immediate Payment Service (IMPS) और FASTag ने भी डिजिटल लेनदेन को तेज, सुरक्षित और सुलभ बनाया है।
डिजिटल जागरूकता: कैशलेस समाज की नींव
Nirmala Sitharaman ने जोर देकर कहा कि डिजिटल लेनदेन को अपनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। लोग जब डिजिटल भुगतान के फायदे, जैसे समय की बचत, सुरक्षा और सुविधा, को समझेंगे, तभी भारत पूरी तरह से कैशलेस समाज बन पाएगा। सरकार और NPCI मिलकर डिजिटल साक्षरता अभियान चला रहे हैं, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग UPI, IMPS और FASTag जैसे साधनों का उपयोग करें। यह न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को और पारदर्शी बनाता है।