सोना खरीदने का सही वक्त: होली से पहले कीमतों में आई बड़ी राहत!

होली का त्योहार नजदीक आते ही सोने की कीमतों में एक खुशखबरी देखने को मिली है। 12 मार्च 2025 को सोना सस्ता हो गया है, जिससे खरीददारों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। हर साल होलिका दहन से पहले लोग सोने-चाँदी की खरीदारी को शुभ मानते हैं, और इस बार कीमतों में कमी ने उनकी उम्मीदों को और बल दिया है। बाजार में आज सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई, जो उन लोगों के लिए अच्छा मौका हो सकता है, जो त्योहार के लिए गहने या निवेश की योजना बना रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ आम लोगों को राहत दे रहा है, बल्कि बाजार में भी एक नई हलचल पैदा कर रहा है।
सोने की कीमतों में यह कमी वैश्विक बाजार और घरेलू हालातों का मिला-जुला असर है। पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतें ऊपर-नीचे हो रही थीं, लेकिन बुधवार को इसमें नरमी आई। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह सस्तापन कुछ समय के लिए ही हो सकता है, इसलिए जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह सही वक्त है। होली जैसे बड़े त्योहार से पहले यह खबर खरीददारों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आने वाले दिनों में कीमतें किस दिशा में जाएँगी।
कितना सस्ता हुआ सोना
12 मार्च को सोने की कीमत में हुई कमी को समझने के लिए बाजार के आँकड़ों पर नजर डालना जरूरी है। आज 24 कैरेट सोने की कीमत प्रति ग्राम लगभग 350 रुपये कम हुई है, जिसके बाद यह 8,765 रुपये प्रति ग्राम पर आ गई। वहीं, 22 कैरेट सोना भी 320 रुपये प्रति ग्राम सस्ता हुआ और अब यह 8,036 रुपये प्रति ग्राम पर बिक रहा है। यह बदलाव देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में देखा गया है।
इसके अलावा, 10 ग्राम सोने की कीमत में भी कमी आई है। 24 कैरेट सोने के 10 ग्राम की कीमत अब 87,653 रुपये है, जो पहले के मुकाबले करीब 3,500 रुपये कम है। इसी तरह, 22 कैरेट सोने की कीमत 80,363 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यह सस्तापन खरीददारों के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आया है, खासकर तब जब होली का त्योहार बस कुछ ही दिन दूर है। लोग अब इस मौके का फायदा उठाकर अपने लिए गहने या निवेश की योजना बना रहे हैं।
क्यों आई कीमतों में कमी
सोने की कीमतों में यह नरमी कई कारणों से आई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर सोने की माँग में थोड़ी कमी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती इसका एक बड़ा कारण हो सकती है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें गिरती हैं, तो इसका असर भारत जैसे देशों पर भी पड़ता है। इसके अलावा, भारत में सोने की आयात नीतियाँ और स्थानीय माँग भी कीमतों को प्रभावित करती हैं।
होली से पहले सोने की खरीदारी बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार माँग में थोड़ी नरमी देखी गई। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि लोग कीमतों के और कम होने का इंतजार कर रहे हों। फिर भी, यह सस्तापन उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अभी खरीदारी करना चाहते हैं। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कमी कुछ समय तक रह सकती है, लेकिन त्योहार के बाद कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। इसलिए, यह वक्त सोने में निवेश या खरीदारी के लिए सही माना जा रहा है।
खरीददारों के लिए सुनहरा मौका
होली जैसे बड़े त्योहार से पहले सोने का सस्ता होना खरीददारों के लिए एक खास मौका लेकर आया है। भारत में सोना न सिर्फ गहनों के रूप में लोकप्रिय है, बल्कि इसे एक सुरक्षित निवेश के तौर पर भी देखा जाता है। इस कमी के बाद बाजार में हलचल बढ़ गई है और लोग अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी की योजना बना रहे हैं। खासकर शादी-ब्याह और त्योहारों के लिए गहने खरीदने वालों के लिए यह सही समय हो सकता है।
जिन लोगों ने पहले ऊँची कीमतों की वजह से खरीदारी टाल दी थी, वे अब बाजार की ओर रुख कर रहे हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि इस सस्तेपन की वजह से उनकी दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है। सोने की कीमतों में यह बदलाव न सिर्फ खरीददारों को फायदा दे रहा है, बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी राहत की बात है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि होलिका दहन तक यह सस्तापन बना रहेगा या नहीं।
आने वाले दिनों का अनुमान
सोने की कीमतों में यह नरमी कितने दिन तक रहेगी, यह कहना मुश्किल है। बाजार के जानकारों का मानना है कि होली के बाद माँग बढ़ने से कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। वैश्विक बाजार में भी सोने की कीमतों पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि वहाँ का असर भारत में भी देखने को मिलता है। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की माँग बढ़ती है, तो यहाँ भी कीमतों में उछाल आ सकता है।
फिलहाल, यह सस्तापन खरीददारों के लिए एक अच्छा मौका है। जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं या अपने परिवार के लिए गहने खरीदना चाहते हैं, वे इस समय का फायदा उठा सकते हैं। बाजार में यह चर्चा भी है कि होली के बाद सोने की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं, इसलिए अभी का समय सोने की खरीदारी के लिए सबसे सही माना जा रहा है। यह सस्तापन न सिर्फ त्योहार को खास बनाएगा, बल्कि लोगों की बचत को भी बढ़ावा देगा।