मई 2025 से बदल रहे हैं ये बड़े नियम: आपकी जेब पर पड़ेगा कितना असर?

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मई 2025 से बदल रहे हैं ये बड़े नियम: आपकी जेब पर पड़ेगा कितना असर?

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Photo Credit: Social Media


मई 2025 की शुरुआत के साथ ही देश में कई बड़े नियम लागू होने जा रहे हैं, जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और जेब पर सीधा असर डालेंगे। एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों से लेकर एटीएम ट्रांजैक्शन और रेलवे बुकिंग तक, इन बदलावों का प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। आइए, इन नए नियमों को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि ये आपके बजट को कैसे प्रभावित करेंगे।

एलपीजी सिलेंडर: रसोई का बजट होगा चैलेंज

हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। मई 2025 में भी घरेलू और कमर्शियल सिलेंडर के दाम में बदलाव की संभावना है। हाल के महीनों में जहां कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया, वहीं घरेलू सिलेंडर के दाम स्थिर रहे। लेकिन इस बार कीमतों में बढ़ोतरी या कमी आपके मासिक बजट को प्रभावित कर सकती है। अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो रसोई का खर्च बढ़ना तय है, और अगर राहत मिलती है, तो आम आदमी को थोड़ी सुकून की सांस मिल सकती है।

एटीएम ट्रांजैक्शन: अब जेब ढीली करने की तैयारी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नए नियमों के तहत 1 मई 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन महंगे हो सकते हैं। अगर आप फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट को पार करते हैं, तो कैश निकालने पर शुल्क 17 रुपये से बढ़कर 19 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन हो जाएगा। वहीं, बैलेंस चेक करने का शुल्क 6 रुपये से बढ़कर 7 रुपये होगा। इसका मतलब है कि बार-बार एटीएम का इस्तेमाल करने वालों को अब अपनी जेब पर ज्यादा ध्यान देना होगा। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ट्रांजैक्शन की संख्या कम रखें और डिजिटल पेमेंट का ज्यादा इस्तेमाल करें।

रेलवे बुकिंग: यात्रा होगी और सख्त

रेलवे ने भी टिकट बुकिंग और यात्रा नियमों में बदलाव की घोषणा की है। 1 मई से वेटिंग टिकट वाले यात्री स्लीपर या एसी कोच में यात्रा नहीं कर पाएंगे। ऐसा करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। साथ ही, एडवांस रिजर्वेशन की अवधि को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है। इन बदलावों का मकसद यात्रा को और व्यवस्थित करना है, लेकिन यात्रियों को अब पहले से ज्यादा प्लानिंग करनी होगी। अगर आप गर्मियों में छुट्टियों की योजना बना रहे हैं, तो समय पर टिकट बुक करना न भूलें।

बैंकिंग और अन्य बदलाव

बैंकों में न्यूनतम बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े नियमों में भी बदलाव की संभावना है। कुछ बैंक न्यूनतम बैलेंस की सीमा को बढ़ा सकते हैं, और इसका पालन न करने पर जुर्माना लग सकता है। वहीं, FD की ब्याज दरों में संशोधन की उम्मीद है, जो निवेशकों के लिए अच्छी या बुरी खबर हो सकती है। इसके अलावा, यूपीआई ट्रांजैक्शन और गैस सिलेंडर बुकिंग में डिजिटल वेरिफिकेशन जैसे नए फीचर्स जोड़े जा सकते हैं, जो सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाएंगे।