Toll Tax Calculation: हाईवे पर लगने वाला टोल टैक्स का ऐसे होता है कैलकुलेट, आपको भी नहीं होगी इसकी जानकारी

टोल टैक्स के बढ़े दामों के बीच अब लोगों के मन में सवाल ये भी है कि आखिर हाइवे पर जो टोल वसूला जाता है उसकी गणना कैसे होती है. यानी लोगों के मन में सवाल है कि यह किस आधार पर तय होता है कि किस हाइवे पर गाड़ियों को कितना टोल देना होगा?
तो आज हम आपको बताते हैं कि आखिर टोल टैक्स किस आधार पर तय होता है और बड़ी गाड़ियों का टोल किस वजह से ज्यादा होता है. तो जानते हैं टोल टैक्स से जुड़ी खास बातें, जो आप शायद ही जानते होंगे…
क्यों लिया जाता है टैक्स?
टैक्स की गणना करने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये टोल टैक्स क्यों लिया जाता है. भारत में हर राज्य या राष्ट्रीय राजमार्ग/एक्सप्रेसवे पर सड़कों के निर्माण के साथ-साथ रखरखाव के लिए किए गए खर्च को लेकर एक शुल्क लिया जाता है. इस शुल्क को ही टोल कहा जाता है और यह एक तरह का टैक्स है. एक बार राजमार्ग की लागत वसूल हो जाने के बाद सड़क के रखरखाव के उद्देश्य से 40 प्रतिशत की कम दर पर शुल्क लिया जाता है.
किस आधार पर तय होता है टैक्स?
टोल टैक्स कैलकुलेट करने के पीछे कई चीजें देखी जाती हैं. टोल टैक्स की गणना के लिए हाइवे की दूरी यानी एक स्ट्रेच की दूरी पर निर्भर करता है. यह आमतौर पर 60 किलोमीटर का होता है और उसके कम या ज्यादा होने पर टैक्स में भी उसी हिसाब से बदलाव कर दिया जाता है, लेकिन 60 किलोमीटर को मानक माना जाता है.
इसमें भी अगर इस दूरी में ब्रिज, टनल या बायपास आदि शामिल हो जाता है तो उसका टोल बदल जाता है. इसके अलावा हाइवे की चौड़ाई, एग्रीमेंट, एप्लीकेबल फीस, हाइवे की लागत और वहां की स्थिति पर यह निर्भर करता है.
सरकारी जानकारी के अनुसार, आधार वर्ष 2007-08 के लिए चार या अधिक लेनों वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सेक्शन के उपयोग के लिए फीस की दर, ऐसे सेक्शन की लंबाई को नीचे दी गई दरों से गुणा करने प्राप्त गुणनफल होगी.
इसमें कार, जीप वैन या हल्के मोटर यानी की प्रति किलोमीटर फीस की आधार दर 0.65, हल्का वाणिज्यिक यान, हल्के माल यान या मिनी बस 1.05, बस या ट्रक 2.20, भारी निर्माण मशीनरी या बहुधुरीय यान की 3.45 रुपये आधार पर वैल्यू प्रति किलोमीटर है.
इसमें यह लागत के आधार पर बदलाव हो जाती है. जैसे दो लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सेक्शन और जिस पर उन्नयन के लिए औसत विनिधान एक करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से अधिक हो गया है और फीस की दर साठ प्रतिशत होगी. आप नीचे देख सकते हैं कि लागत के हिसाब से आधार दर कितनी है.
कितनी होगी बढ़ोतरी?
सरकारी जानकारी के अनुसार, 1 अप्रैल 2008 से प्रशमन के बिना प्रतिवर्ष तीन प्रतिशत तक बढ़ाई जाएगी और बढ़ाई गई ऐसी दर आगामी वर्षों के लिए आधार दर समझी जाएगी. इसके लिए भी एक सूत्र इस्तेमाल करना होता है, जिससे इसकी गणना होती है.
हर गाड़ी का अलग क्यों होता है टोल?
यह वाहन के आकार के साथ-साथ उनके द्वारा उठाए जाने वाले भार और सड़क को हुए नुकसान पर आधारित होता है. वाहन के उपयोग के प्रकार (वाणिज्यिक/कार्मिक) के आधार पर भी टोल टैक्स अलग-अलग हो सकता है.