यस बैंक को मिलेगा नया मालिक? RBI की मंजूरी की खबर से शेयरों में 10% का उछाल

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यस बैंक को मिलेगा नया मालिक? RBI की मंजूरी की खबर से शेयरों में 10% का उछाल

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Photo Credit: upuklive


हाल ही में एक बड़ी खबर ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी। खबर है कि जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से यस बैंक में 51% हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी मिल गई है। इस खबर के बाद मंगलवार, 6 मई 2025 को यस बैंक के शेयरों में करीब 10% की तेजी देखी गई। हालांकि, कुछ सूत्रों ने इस खबर को गलत बताया है, जिससे निवेशकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
 

खबर का आधार और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया
मंगलवार की सुबह एक प्रमुख समाचार पत्र ने दावा किया कि RBI ने SMBC को यस बैंक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दे दी है। इस खबर के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर यस बैंक के शेयर 17.73 रुपये के पिछले बंद भाव से बढ़कर 19.24 रुपये पर खुल गए, जो 10% से अधिक की उछाल दर्शाता है। यह खबर निवेशकों के लिए उत्साहजनक थी, क्योंकि यस बैंक पिछले कुछ वर्षों से वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि, बाद में कुछ बैंकिंग सूत्रों ने दावा किया कि RBI के पास SMBC की ओर से ऐसी कोई औपचारिक अर्जी लंबित नहीं है, जिसके बाद शेयरों की तेजी कुछ कम हुई और यह 18.29 रुपये पर कारोबार करने लगे।

सौदे का संभावित स्वरूप
रिपोर्ट्स के अनुसार, SMBC के पास दो विकल्प हैं। पहला, वह 26% से कम हिस्सेदारी खरीदकर बाद में शेयर स्वैप के जरिए विलय की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। दूसरा, वह सीधे 26% हिस्सेदारी खरीदकर एक ओपन ऑफर शुरू कर सकता है। हालांकि, RBI नियमों के तहत SMBC के वोटिंग अधिकार 26% तक सीमित रहेंगे, भले ही वह 51% हिस्सेदारी खरीद ले। इस सौदे का अनुमानित मूल्य 1.7 बिलियन डॉलर बताया जा रहा है। यह सौदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और अन्य बैंकों के लिए एक निकास मार्ग प्रदान कर सकता है, जो 2020 में यस बैंक के पुनर्गठन के दौरान इसमें निवेशक बने थे।

यस बैंक का इतिहास और वर्तमान स्थिति
यस बैंक, जो कभी भारत के प्रमुख निजी बैंकों में से एक था, 2020 में गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर चुका है। इसके संस्थापक और तत्कालीन सीईओ राणा कपूर को RBI की मंजूरी नहीं मिली थी, और बैंक की तरलता की कमी ने इसे डूबने की कगार पर ला दिया था। उस समय SBI की अगुआई में एक कंसोर्टियम ने 10,000 करोड़ रुपये का निवेश कर बैंक को बचाया था। वर्तमान में SBI के पास यस बैंक में 24% हिस्सेदारी है, जबकि HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और अन्य की भी छोटी हिस्सेदारी है। यह संभावित सौदा बैंक के लिए एक नई शुरुआत का संकेत दे सकता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सौदा पूरा होता है, तो यह यस बैंक के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एक मजबूत विदेशी निवेशक की मौजूदगी से बैंक की विश्वसनीयता बढ़ेगी और यह अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकेगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि RBI की मंजूरी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे इस खबर पर जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार करें।

निवेशकों के लिए सुझाव
यस बैंक के शेयरों में हाल की तेजी ने छोटे निवेशकों का ध्यान खींचा है, लेकिन बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सावधानी जरूरी है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि निवेश से पहले बैंक की वित्तीय स्थिति, जैसे कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA), नेट ब्याज मार्जिन (NIM), और तिमाही परिणामों का विश्लेषण करें। साथ ही, RBI और यस बैंक की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार करना समझदारी होगी। अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो यह सौदा आपके लिए एक अवसर हो सकता है, लेकिन जोखिमों को नजरअंदाज न करें।