भरनी पढ़ेगी एग्जाम की फीस, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 10 वीं और 12 वीं के छात्रों के माता-पिता की वित्तीय ब्लैकबेरी कोविद के कारण फिट नहीं होने की याचिका खारिज कर दी है। ऐसे में कोर्ट को चाहिए कि वह दिल्ली सरकार और सीबीएसई को इस बार बोर्ड परीक्षा की फीस माफ करने का निर्देश दे।
बता दें कि कोरोनावायरस के कारण देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। जिसके कारण अभिभावकों के स्कूलों की फीस नहीं दी जा रही है।
सर्वोच्च न्यायालय अभी तक इस मामले में पूर्ण निर्णय पर नहीं पहुंचा है। वास्तव में, देश की राजधानी में कई माता-पिता हैं जिनके बच्चे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा देंगे। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें यह मांग की गई थी कि इस बार सीबीएसई और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि वे चालू शैक्षणिक वर्ष में 10 वीं और 12 वीं के बच्चों से परीक्षा शुल्क न वसूलें, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। अब बच्चों को परीक्षा शुल्क देना होगा।