दिव्यांग हैं पर मजबूर नहीं, बहुत कुछ सिखाती है नूर ज़लीला की कहानी

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

दिव्यांग हैं पर मजबूर नहीं, बहुत कुछ सिखाती है नूर ज़लीला की कहानी

नई दिल्ली। कई छोटे मोटे प्रॉब्लम होते हैं जिनका सहारा लेकर हम या तो हार मान लेते हैं या कामचोरी करने लगते हैं. यदि आपको लगता हैं कि सिर्फ आपकी जिंदगी ही मुश्किलों से भरी हैं तो जरा इस बहादुर और हुनरमंद लड़की की कहानी पढ़ लीजिये। केरल के कोझिकोड की रहन


दिव्यांग हैं पर मजबूर नहीं, बहुत कुछ सिखाती है नूर ज़लीला की कहानी
नई दिल्ली। कई छोटे मोटे प्रॉब्लम होते हैं जिनका सहारा लेकर हम या तो हार मान लेते हैं या कामचोरी करने लगते हैं. यदि आपको लगता हैं कि सिर्फ आपकी जिंदगी ही मुश्किलों से भरी हैं तो जरा इस बहादुर और हुनरमंद लड़की की कहानी पढ़ लीजिये।

केरल के कोझ‍िकोड की रहने वाली 17 वर्षीय नूर जलील एक दिव्यांग लड़की हैं. जन्म से ही उनके हाथ बांह के आगे और पैर घुटनों के नीचे विकसित नहीं हुए हैं. नूर खुद को ना तो मजबूर मानती हैं और ना ही बेचारी समझती हैं। नूर जीवन में हमेशा सकारात्मक रहती हैं. उसके लिए कोई भी काम नामुमकिन नहीं हैं। नूर के अंदर कई सारे हुनर हैं. जैसे वो पेंटिंग बना सकती हैं, वायलन बजा सकती।