इम्पार ने की डॉ जाकिर नाइक के बयान की घोर निंदा, दी क़ुरआन और हदीस पढ़ने की नसीहत

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इम्पार ने की डॉ जाकिर नाइक के बयान की घोर निंदा, दी क़ुरआन और हदीस पढ़ने की नसीहत

इम्पार ने की डॉ जाकिर नाइक के बयान की घोर निंदा, दी क़ुरआन और हदीस पढ़ने की नसीहत


नई दिल्ली। डॉ जाकिर नाइक द्वारा दूसरे धर्मों पर की गई टिप्पणियों की घोर निंदा करते हुए इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिस तरह से डॉ जाकिर नाइक ने दूसरे समुदाय के लोगों या धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है वह न सिर्फ निंदनीय बल्कि शर्मनाक है।

इम्पार की ओर से मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो मानवता के उसूलों पर आधारित है। इम्पार की ओर से कहा गया है कि स्वर्ग और नर्क में कौन जाएगा इसका फैसला अल्लाह को करना है ना की किसी व्यक्ति को इसका अधिकार है। इस्लाम दूसरे धर्मों पर टिप्पणी करने या दूसरे धर्म के लोगों को अपमानित करने से पूरी तरह से रोकता है।


 इस्लाम इस बात की शिक्षा देता है कि किसी को इस बात का अधिकार नहीं है कि कोई जबरदस्ती किसी से इस्लाम को स्वीकार करने के लिए कहे या इस्लाम के मामले में किसी के साथ किसी तरह की कोई जबरदस्ती की जाए। इम्पार की ओर से आगे कहा गया है कि इस्लाम सिर्फ एक ऐसी सोसाइटी चाहता है जो भूख और डर से आज़ाद हो जिसकी व्याख्या कुरान में भी की गई है। इम्पार की ओर से कहा गया है कि मुसलमानों को इस बात का अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे समुदाय के लोगों के साथ किसी तरह का भेदभाव करें या उनका अपमान करें बल्कि दूसरे धर्मों का सम्मान करना ही इस्लाम का फलसफा है और कुरान में इसका कई जगहों पर उल्लेख भी किया गया है।


ज्ञात रहे कि बीते दिनों डॉ जाकिर नाइक की ओर से ऐसे विवादित बयान दिए गए थे जिससे कुछ धर्म या कुछ लोगों पर ऐसी टिप्पणी हुई थी जो नसिर्फ घोर आपत्तिजनक बल्कि निंदनीय थी, जिसकी निंदा करते हुए इम्पार की ओर से कहा गया है कि इस्लाम के बारे में लोगों के बोलने से पहले इस्लामिक उसूलों को और उसके मानवता पर आधारित मूल्यों को सही से पढ़ना चाहिए। इंपार की ओर से आगे कहा गया है कि इस्लाम का स्पष्ट शब्दों में यह कहना है कि आपका धर्म आपको मुबारक हो और दुसरे का धर्म उसको मुबारक हो। कोई किसी के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। साथ ही इस्लाम ने दूसरे लोगों के भगवान को भी बुरा कहने से स्पष्ट शब्दों में मना किया है और इस बात पर बल दिया है कि अगर तुम किसी के भगवान को गाली दोगे जिसकी वह पूजा करते हैं तो वह तुम्हारे अल्लाह को गाली देंगे क्योंकि वह अल्लाह को नहीं जानते हैं।

इम्पार की ओर से आगे कहा गया है कि कोई ऐसी चीज जिसको तुम अच्छा समझते हो यह जरूरी नहीं कि वह तुम्हारे लिए अच्छी हो और कोई ऐसी चीज जिसको तुम बुरा समझते हो कोई जरूरी नहीं कि वह बुरी ही हो। इसका भी उल्लेख कुरान में है और साथ ही साथ प्रोफेट मोहम्मद ने भी इस बात का उल्लेख किया है कि इस्लाम में किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं है। इम्पार की ओर से कहा गया है कि डॉ जाकिर नाइक को उपरोक्त उसूलों को पढ़ना चाहिए और किसी के बारे में जजमेंट देने से पहले इंसान को अपने बारे में फैसला करना चाहिए। गैब (इंसानों से छुपा हुआ) के पर्दे में क्या है यह अल्लाह के अलावा किसी को नहीं पता है। इसलिए इंसान को इंसान से मोहब्बत करने की शिक्षा देनी चाहिए ना कि घृणा और नफरत की बात करनी चाहिए।