कलयुग में हरि का नाम लेने मात्र से हो जाता है उद्धार
ठाकुरद्वारा। श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य नरेंद्र आनंद स्वामी जी ने कहा था कि सत्संग बुराइयों को दूर करता है। दूसरों की बातें सुनकर अपना धर्म नहीं छोड़ना चाहिए। सुरजन नगर स्थित शिव मंदिर पर चल रही भागवत कथा में आचार्य ने कहा कि पित्र मनुष्य के देव ह
ठाकुरद्वारा। श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य नरेंद्र आनंद स्वामी जी ने कहा था कि सत्संग बुराइयों को दूर करता है। दूसरों की बातें सुनकर अपना धर्म नहीं छोड़ना चाहिए।
सुरजन नगर स्थित शिव मंदिर पर चल रही भागवत कथा में आचार्य ने कहा कि पित्र मनुष्य के देव होते हैं उनका आदर सत्कार करना चाहिए भागवत कथा सुनने से मनुष्य एवं उसके पितरों का उद्धार होता है कलयुग में एक पिता चार पांच बच्चों को पालता है लेकिन चार पांच बच्चे पिता को नहीं पाल पाते यह कलयुग का असर है।
सतयुग में सात बोलने त्रेता युग में तब करने द्वापर युग में यह करने से जो फल मिलता है कलयुग में हरि का नाम लेने मात्र से फल मिल जाता है। कथा में हेतराम सिंह वीरेंद्र सिंह बबलू ठाकुर बृजेश विश्नोई मुकेश कुमार महावीर सिंह बेनी राम आदि थे।
सुरजन नगर स्थित शिव मंदिर पर चल रही भागवत कथा में आचार्य ने कहा कि पित्र मनुष्य के देव होते हैं उनका आदर सत्कार करना चाहिए भागवत कथा सुनने से मनुष्य एवं उसके पितरों का उद्धार होता है कलयुग में एक पिता चार पांच बच्चों को पालता है लेकिन चार पांच बच्चे पिता को नहीं पाल पाते यह कलयुग का असर है।
सतयुग में सात बोलने त्रेता युग में तब करने द्वापर युग में यह करने से जो फल मिलता है कलयुग में हरि का नाम लेने मात्र से फल मिल जाता है। कथा में हेतराम सिंह वीरेंद्र सिंह बबलू ठाकुर बृजेश विश्नोई मुकेश कुमार महावीर सिंह बेनी राम आदि थे।