अमर सिंह के साथ जया प्रदा पहुंचीं हाईकोर्ट, आजम खान के चुनाव को दी चुनौती
लखनऊ। रामपुर से भाजपा प्रत्याशी रहीं जया प्रदा नाहटा ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर रामपुर से सपा सांसद आजम खां के सांसद निर्वाचित होने को चुनौती दी है। याचिका में जया ने कहा है कि आजम लाभ के दो पद पर हैं लिहाजा उनका निर्वाचन रद्द कर
लखनऊ। रामपुर से भाजपा प्रत्याशी रहीं जया प्रदा नाहटा ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर रामपुर से सपा सांसद आजम खां के सांसद निर्वाचित होने को चुनौती दी है। याचिका में जया ने कहा है कि आजम लाभ के दो पद पर हैं लिहाजा उनका निर्वाचन रद्द कर उन्हें सांसद घोषित किया जाए। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। लोकसभा चुनाव में आजम खां ने रामपुर सीट पर जया प्रदा को हराया था।
याचिका में जया प्रदा के वकील अशोक पांडेय ने अदालत से गुजारिश की कि आजम खान से यह पूछा जाए कि मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के कुलपति होने के नाते वे जब लाभ के दूसरे पद के लिए अयोग्य हैं, तब किस कानूनी अधिकार से संसद सदस्य का पदभार संभाले हुए हैं। याचिका में दलील दी गई है कि यह तय नियम है कि एक ही व्यक्ति लाभ के दो पदों पर नहीं रह सकता। लिहाजा आजम खान के चुनाव को रद्द कर याची को रामपुर लोकसभा का सांसद घोषित किया जाए।
अमर सिंह भी हैं जया प्रदा के वकील
कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासी भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सदस्य अमर सिंह भी इस मामले में जया प्रदा के वकील हैं। अधिवक्ता अशोक पांडेय के अनुसार अमर सिंह ने याचिका पर दस्तखत करने के साथ ही वकालतनामा भी दाखिल किया है। अमर सिंह ने वकालत करने के लिए 1984 में पंजीकरण कराया था और यह पहली बार है जबकि बतौर वकील वे सामने आए हैं।
याचिका में जया प्रदा के वकील अशोक पांडेय ने अदालत से गुजारिश की कि आजम खान से यह पूछा जाए कि मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के कुलपति होने के नाते वे जब लाभ के दूसरे पद के लिए अयोग्य हैं, तब किस कानूनी अधिकार से संसद सदस्य का पदभार संभाले हुए हैं। याचिका में दलील दी गई है कि यह तय नियम है कि एक ही व्यक्ति लाभ के दो पदों पर नहीं रह सकता। लिहाजा आजम खान के चुनाव को रद्द कर याची को रामपुर लोकसभा का सांसद घोषित किया जाए।
अमर सिंह भी हैं जया प्रदा के वकील
कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासी भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सदस्य अमर सिंह भी इस मामले में जया प्रदा के वकील हैं। अधिवक्ता अशोक पांडेय के अनुसार अमर सिंह ने याचिका पर दस्तखत करने के साथ ही वकालतनामा भी दाखिल किया है। अमर सिंह ने वकालत करने के लिए 1984 में पंजीकरण कराया था और यह पहली बार है जबकि बतौर वकील वे सामने आए हैं।