औवेसी को रोकने के लिए ममता ने बनाया ये प्रोग्राम

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औवेसी को रोकने के लिए ममता ने बनाया ये प्रोग्राम

औवेसी को रोकने के लिए ममता ने बनाया ये प्रोग्राम


कोलकाता। बिहार चुनाव में पांच सीटों की सफलता के बाद, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अब बंगाल में मुस्लिम वोटों पर नज़र गड़ाए हुए हैं। उन्होंने अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की भी घोषणा की है, जिसके बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मुस्लिम वोटों के विभाजन से डर रही है।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी भी मुस्लिम वोटों के बंटवारे को रोकने की रणनीति में शामिल हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने यहां फुरफुरा शरीफ के पीरजादा तोहा सिद्धिकी के साथ बैठक की। ममता अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं के भी संपर्क में हैं। फुरफुरा शरीफ हुगली जिले में स्थित मुसलमानों का एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को फुरफुरा शरीफ के पीरजादा टोह सिद्दीकी अपने कुछ प्रमुख लोगों के साथ राज्य सचिवालय नवान्न पहुंचे। उन्होंने कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। हालांकि, पीरज़ादा ने दावा किया कि बैठक गैर-राजनीतिक थी। हालांकि, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि ममता और पीरजादा के बीच बैठक पूरी तरह से राजनीतिक और वोट केंद्रित थी।

सूत्रों के मुताबिक, ममता टोह मुस्लिम वोटों के विभाजन को रोकने के लिए सिद्दीकी और अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं की मदद से चुनावी मैदान में एक नई पार्टी मैदान में उतार सकती है। इसके पीछे प्रयास यह है कि अगर कोई मुस्लिम मतदाता तृणमूल कांग्रेस से नाराज है, तो उन्हें उस पार्टी का समर्थन करना चाहिए। यानी ममता पूरे मुस्लिम वोट बैंक को आंतरिक गठबंधन के जरिए अपने पक्ष में रखने की पूरी कोशिश कर रही हैं। वह ओवैसी और भाजपा को किसी भी हाल में इसका फायदा नहीं उठाने देना चाहती।