बिना कोचिंग लिए IAS बनी परचून दुकानदार की बेटी 'निधि सिवाच'
नई दिल्ली। हरियाणा के रोहतक के गांव भैणी की बेटी निधि IAS बन गई है। निधि सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में 83वां रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर परिजन समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांव
नई दिल्ली। हरियाणा के रोहतक के गांव भैणी की बेटी निधि IAS बन गई है। निधि सिवाच ने यूपीएससी की परीक्षा में 83वां रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर परिजन समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांव के सरपंच अजय का कहना है कि गांव पहुंचने पर निधि का जोरदार स्वागत किया जाएगा। निधि ने भी बताया कि मुझे यकीन ही नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता इतनी जल्द मिलेगी। मैं अभी तक विश्वास नहीं कर पा रही हूं।
निधि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता उमेद की सेक्टर चार के नजदीक गुरुग्राम में परचून की दुकान है। मां ग्रहणी हैं। 24 साल की निधि का कहना है कि उन्होंने किसी तरह की कोचिंग नहीं ली। उन्होंने यू-ट्यूब छोड़कर गूगल का सहारा लिया। उसकी दसवीं व बारहवीं की पढ़ाई सिदेश्वर स्कूल गुरुग्राम से हुई है।
छोटूराम यूनिवर्सिटी मुरथल से उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उसके बाद वह हैदराबाद में टेक महेन्द्रा कंपनी में नौकरी करने चली गई। 2017 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और गुरुग्राम आकर टेस्ट की तैयारी करने लगी। उन्हें पेपर का पैटर्न समझ में आ गया था। निधि ने कहा कि वो एजुकेशन सेक्टर सहित महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांव के सरपंच अजय का कहना है कि गांव पहुंचने पर निधि का जोरदार स्वागत किया जाएगा। निधि ने भी बताया कि मुझे यकीन ही नहीं था कि इतनी बड़ी सफलता इतनी जल्द मिलेगी। मैं अभी तक विश्वास नहीं कर पा रही हूं।
निधि तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता उमेद की सेक्टर चार के नजदीक गुरुग्राम में परचून की दुकान है। मां ग्रहणी हैं। 24 साल की निधि का कहना है कि उन्होंने किसी तरह की कोचिंग नहीं ली। उन्होंने यू-ट्यूब छोड़कर गूगल का सहारा लिया। उसकी दसवीं व बारहवीं की पढ़ाई सिदेश्वर स्कूल गुरुग्राम से हुई है।
छोटूराम यूनिवर्सिटी मुरथल से उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उसके बाद वह हैदराबाद में टेक महेन्द्रा कंपनी में नौकरी करने चली गई। 2017 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और गुरुग्राम आकर टेस्ट की तैयारी करने लगी। उन्हें पेपर का पैटर्न समझ में आ गया था। निधि ने कहा कि वो एजुकेशन सेक्टर सहित महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य करेंगी।