इंसानियत के इतिहास में सबसे बेहतरीन इंसान थे ‘पैगम्बर मोहम्मद'

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

इंसानियत के इतिहास में सबसे बेहतरीन इंसान थे ‘पैगम्बर मोहम्मद'

shahi

Photo Credit:


लुधियाना. दिलों से नफरतें निकाल कर आपसी भाईचारे को मजबूत कीजिए, सच्चा मुसलमान वही है, जो हजरत मुह मद (स.) साहिब के बताए हुए रास्ते पर चले। यह विचार आज यहां जामा मस्जिद में 12 वफात के इतिहासिक दिन के अवसर  पर हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम की शान में बज्म ए हबीब की ओर से आयोजित किए गए अजीमुशान नातिया मुशायरे में मुस्लमानो को स बोधित करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने प्रगट किए।

उन्होंने कहा कि हजरत मुह मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम 12 रबी-उल-अव्वल के दिन ही 63 साल तक संसार में इंसानियत को प्यार-मुहब्बत, आपसी भाईचारे का पाठ पढ़ा कर अल्लाह तआला के पास वापिस चले गये। इसीलिए आज के दिन को 12 वफात कहा जाता है। शाही इमाम ने कहा कि आज के दिन मुसलमान अपने प्यारे नबी हजरत मुह मद (स.) साहिब को याद करते हुए उनकी दी हुई शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करने का संकल्प दोहरातेे हैं। शाही इमाम ने कहा कि 14 सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी आपकी शिक्षाएं किसी परिवर्तन के बिना मूल्य रूप में मौजूद हैं और मानव जाति के मार्ग दर्शन के लिए आशा की किरण हैं।

उन्होंने कहा कि अल्लाह तआला ने कुरान शरीफ में यह बात स्पष्ट कर दी कि हजरत मुह मद (स.) साहिब आखरी नबी हैं, अब कोई और व्यक्ति कयामत तक नबी बनकर नहीं आ सकता। शाही इमाम ने कहा कि हजरत मुह मद (स.) साहिब के दुनिया में आने से पहले लोग बेटियों को जिंदा जमीन में दफन कर दिया करते थे। आप (स.) ने दुनिया में आकर इस जुल्म को रोका और बेटी को अल्लाह की रहमत बताया। शाही इमाम ने कहा कि इस्लाम धर्म आपसी भाईचारे और शांति का संदेश देता है, स प्रदायक ताकतों की ओर से इस्लाम धर्म को आतंकवाद से जोडऩा गलत है, बल्कि निंदनीय है। उन्होने कहा कि इस्लाम धर्म के खिलाफ अपमान जनक बातें इंसानियत के लिए शर्म की बात है। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान हजरत मुह मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम से अपनी जान से ज्यादा प्यार करते हैं। पैग बरे इसलाम की शान के लिए हमारी जान भी जाहिर है। इस अवसर पर नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी ,गुलाम हसन कैसर,हस्सान नसीराबादी,अशफाक जिगर,शरीफ नगीनवी,कारी मुस्तकीम करीम, कारी मोहतरम,मुह मद रशिद सहारनपुरी ने अपना नातिया कलाम पेश किया।