बालू खदानों के ठेकेदारों ने रॉयल्टी नहीं जमा की, डीएम हुए सख्त!

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बालू खदानों के ठेकेदारों ने रॉयल्टी नहीं जमा की, डीएम हुए सख्त!

बालू खदानों के ठेकेदारों ने रॉयल्टी नहीं जमा की, डीएम हुए सख्त!


विनोद मिश्रा
बांदा।
जिले की बालू खदानों में आंख मिचौली का खेल ठेकेदार कंपनियों ऩे चालू कर प्रशासन को मुसीबत में डाल दिया है। इस मुसीबत से बचाव के लिये जिला धिकारी आनंद कुमार सिंह सख्त हो गये हैं तथा कड़ी कार्यवाई के लिये बांहे सिकोड़ ली हैं!इसका मुख्य कारण यह है की पांच साल का पट्टा लेकर साल दो साल में ही नदी खदानों को बालू से खाली कर देने वाली कंपनियां अब बालू की खदानों में पर्याप्त मौरंग न होने से उनमें पैसा फंसाने के मूड में हिचकिचाते से दिख रहे है। यही कारण माना जा रहा है की पहली अक्तूबर से वर्षात प्रतिबंध खत्म हो जाने के एक माह बाद भी खनिज विभाग में पट्टा कंपनियां रुपया नहीं जमा कर रहे। डीएम के निर्देश पर खनिज विभाग ने 13 खदान संचालक कंपनियों को नोटिस जारी की है। दो खदानों को ब्लैक लिस्ट और एक को निरस्त एक माह पहले ही किया जा चुका है।
आपको बता दें की ई-टेंडर से खदानों के पट्टे बड़ी-बड़ी कंपनियों ने हथिया रखे हैं। अधिकांश खदानों में पट्टे में निर्धारित मात्रा से कहीं ज्यादा बालू लगभग दो साल के अंतराल में ही निकाली जा चुकी है।अवैधानिक ढंग से नदी की जलधारा और पट्टा क्षेत्र के बाहर भी खनन हुआ, और हो रहा है।
एनजीटी की शर्त के मुताबिक पहली जुलाई से 30 सितंबर तक खनन बंद रहा। पहली अक्तूबर से यह प्रतिबंध समाप्त हो चुका है। फिर भी जिले की लगभग सभी खदानों में खनन वैध रूप से प्रारंभ नहीं हुआ।
पट्टाधारक कंपनियों ने खनिज विभाग में एडवांस रॉयल्टी नहीं जमा की। जिले में वर्तमान में 23 खदानों के पट्टे हैं। कयास है की   पट्टाधारकों की इस अनदेखी की वजह खदानों में बालू लगभग समाप्त हो जाना है। ज्यादातर कंपनियां अपनी पूंजी निकाल चुकी हैं।
खनिज अधिकारी सुभाष सिंह ने बताया कि 13 खदान संचालकों को तीन दिन पूर्व नोटिस जारी की गई है। इन्हें जल्दी रॉयल्टी जमा करने को कहा गया है। अन्यथा  खिलाफ कार्रवाई होगी। इनमें के एंड माइंस और थिंक होम कंपनियां आदि शामिल हैं।
मौजूदा में सिर्फ 8 खदानें ही चल रही हैं। इनमें 6-6 माह की पट्टे वाली भी हैं। लहुरेटा और खप्टिहा कलां की खदानों को करीब एक माह पहले ही ब्लैक लिस्ट करके उनकी जमा 25 फीसदी राशि जब्त कर ली गई है। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेशों पर हुई है।