17 साल की 'नूर जलीला' की कहानी लाखों लोगों के लिए है प्रेरणा
नई दिल्ली। नूर जलीला 17 साल की है। दिव्यांग है, लेकिन मजबूर नहीं। उन्होंने हालात के आगे घुटने नहीं टेके हैं। नूर शानदार वायलन बजाती है। बेहतरीन सिंगर है और उम्दा पेंटर है। इतना ही नहीं एक ऊर्जावान स्पीकर भी हैं। केरल के कोझिकोड में पैदा हुई नूर के प
नई दिल्ली। नूर जलीला 17 साल की है। दिव्यांग है, लेकिन मजबूर नहीं। उन्होंने हालात के आगे घुटने नहीं टेके हैं। नूर शानदार वायलन बजाती है। बेहतरीन सिंगर है और उम्दा पेंटर है। इतना ही नहीं एक ऊर्जावान स्पीकर भी हैं।
केरल के कोझिकोड में पैदा हुई नूर के पिता का नाम अब्दुल करीम है। बांह के आगे उसकी कलाइयां विकसित नहीं हुईं, यही हाल पैरों का है। घुटने के नीचे के हिस्से का विकास नहीं हुआ।
एक दिन नूर की बहन आइशा अपना रिकॉर्ड बुक घर पर भूल गई। नूर ने उसे कलर बुक समझ लिया और उसमें रंग भरने लगी। माता-पिता ने देखा तो डांट लगाने की बजाय, नूर के सपनों को हौसला दिया। उसे ड्रॉइंग बुक और स्केच कलर्स लाकर दिए।
नूर जलीला ने बड़ी जल्दी पेंटिंग की बारीकियों को सीख लिया। वह कई पेंटिंग्स बना चुकी है, जिनमें से कुछ तो आर्ट एग्जीबिशन का हिस्सा भी बने हैं। जब नूर 7वीं कक्षा में थी, तब वायलन के तारों ने उसे अपनी ओर खींचा। नूर ने इस कला को भी सीखना शुरू किया और अब बेहतरीन वायलन बजाती है।
केरल के कोझिकोड में पैदा हुई नूर के पिता का नाम अब्दुल करीम है। बांह के आगे उसकी कलाइयां विकसित नहीं हुईं, यही हाल पैरों का है। घुटने के नीचे के हिस्से का विकास नहीं हुआ।
एक दिन नूर की बहन आइशा अपना रिकॉर्ड बुक घर पर भूल गई। नूर ने उसे कलर बुक समझ लिया और उसमें रंग भरने लगी। माता-पिता ने देखा तो डांट लगाने की बजाय, नूर के सपनों को हौसला दिया। उसे ड्रॉइंग बुक और स्केच कलर्स लाकर दिए।
नूर जलीला ने बड़ी जल्दी पेंटिंग की बारीकियों को सीख लिया। वह कई पेंटिंग्स बना चुकी है, जिनमें से कुछ तो आर्ट एग्जीबिशन का हिस्सा भी बने हैं। जब नूर 7वीं कक्षा में थी, तब वायलन के तारों ने उसे अपनी ओर खींचा। नूर ने इस कला को भी सीखना शुरू किया और अब बेहतरीन वायलन बजाती है।