यहां बना है महात्मा गांधी का मंदिर, 3 बार हर रोज़ होती है पूजा...
देश में एक जगह ऐसी है जहां बापू का ना सिर्फ मंदिर बना हुआ है, बल्कि रोजाना उनकी मूर्ति की उनके भक्तों द्वारा दिन में तीन बार पूजा अर्चना और प्रार्थना की जाती है। ये मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु में बनाया गया है। साल 1948 में बापू के लिए अलग से श्राइन बन
देश में एक जगह ऐसी है जहां बापू का ना सिर्फ मंदिर बना हुआ है, बल्कि रोजाना उनकी मूर्ति की उनके भक्तों द्वारा दिन में तीन बार पूजा अर्चना और प्रार्थना की जाती है। ये मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु में बनाया गया है। साल 1948 में बापू के लिए अलग से श्राइन बनाया गया था और साल 2006 में स्टेच्यू को दोबारा तैयार किया गया था।
लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख देने वाले महात्मा गांधी के फॉलोअर्स इस मंदिर में आते हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए उपासना करते हैं।
ये मंदिर मंगलुरु मे श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र गरोडी में बना हुआ है। बापू के एक भक्त प्रकाश गरोडी कहते हैं 'साल 1948 में उनके लिए एक अलग से श्राइन बनाया गया था और साल 2006 में उनके स्टेच्यू का फिर से निर्माण कराया गया था। युवा उनके प्रेरणा लेते हैं।'
देश में लगभग हर शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। हालांकि बंगलुरु का ये मंदिर इसलिए खास हो जाता है क्योंकि यहां ना सिर्फ बापू की प्रतिमा है बल्कि पुजारी द्वारा रोजाना तीन बार यहां पूजा अर्चना की जाती है।
लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख देने वाले महात्मा गांधी के फॉलोअर्स इस मंदिर में आते हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए उपासना करते हैं।
ये मंदिर मंगलुरु मे श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र गरोडी में बना हुआ है। बापू के एक भक्त प्रकाश गरोडी कहते हैं 'साल 1948 में उनके लिए एक अलग से श्राइन बनाया गया था और साल 2006 में उनके स्टेच्यू का फिर से निर्माण कराया गया था। युवा उनके प्रेरणा लेते हैं।'
देश में लगभग हर शहर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। हालांकि बंगलुरु का ये मंदिर इसलिए खास हो जाता है क्योंकि यहां ना सिर्फ बापू की प्रतिमा है बल्कि पुजारी द्वारा रोजाना तीन बार यहां पूजा अर्चना की जाती है।
K'taka: Shri Bramha Baidarkala Kshetra Garodi, a temple in Mangaluru, has a statue of Mahatma Gandhi which people offer prayers to,3 times daily. A devotee Prakash Garodi says "In 1948 a separate shrine was built for him&in 2006 his statue was recreated.Youth are inspired by him" pic.twitter.com/LEpEUVdCwh— ANI (@ANI) August 15, 2019