तम्बाकू का सेवन करने वाले होते हैं अस्थमा रोग के शिकार

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तम्बाकू का सेवन करने वाले होते हैं अस्थमा रोग के शिकार

एसपी मित्तल दुनिया भर में प्रतिवर्ष सात मई को अस्थमा दिवस मनाया जाता है। चूंकि अस्थमा रोग जानलेवा होता है इसलिए प्रतिवर्ष सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर सात मई को इस रोग से बचने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के


तम्बाकू का सेवन करने वाले होते हैं अस्थमा रोग के शिकार
एसपी मित्तल 
दुनिया भर में प्रतिवर्ष सात मई को अस्थमा दिवस मनाया जाता है। चूंकि अस्थमा रोग जानलेवा होता है इसलिए प्रतिवर्ष सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर सात मई को इस रोग से बचने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है।

अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के अस्थमा रोग विभाग के सहायक आचार्य डॉ पीयूष अरोड़ा ने कहा कि अस्थमा का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू का सेवन करना है। लोग तम्बाकू को चूने में मिलाकर खाते हैं या फिर बीड़ी सिगरेट के जरिए तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू की वजह से फेफड़ छल्लनी हो जाते है बाद में यही फेफड़े अस्थमा रोग का कारण बनते हैं।

जहां तक जागरुकता का सवाल है तो सब को पता है कि तम्बाकू के सेवन की वजह से अस्थमा रोग होता है इसके बावजूद भी भारत में लगातार तम्बाकू का सेवन बढ़ रहा है। यही वजह है कि आज दुनिया में सबसे ज्यादा अस्थमा रोग के मरीज भारत में है। डॉ अरोडा का मानना रहा कि हमारे ग्रामीण परिवेश में महिलाएं भी बीड़ी या अन्य तरीके से तम्बाकू का सेवन करती है, जबकि महिलाओं के लिए तो अस्थमा बेहद ही खतरनाक रोग है। गर्भवती महिला के अस्थमा रोग का असर नवजात शिशु पर भी पड़ सकता है। इसलिए महिलाओं को तो तम्बाकू के सेवन से बचकर रहना चाहिए।

डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि उपाय से ही बचाव किया जा सकता है। एलर्जी के कारण भी अस्थमा होता है। अस्थमा रोगी को मौसम के परिवर्तन से भी परेशानी होती है। जो लोग किसी भी तरह से तम्बाकू का सेवन करते हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए। अस्थमा रोगी को अपने घर में भी एलर्जी से बचाव रखना चाहिए। अस्थमा होने पर चिकित्सक या विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

चूंकि अस्थमा रोग पीड़ा दायक होता है इसलिए मरीज को विशेषज्ञ की सलाह पर दवाईयां व उपकरण की सुविधा लेनी चाहिए। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसे उपकरण आ गए हैं जिनकी वजह से इस रोग के असर को कम किया जा सकता है। डॉ. अरोड़ा सरकारी अस्पताल के समय के अलावा वैशाली नगर स्थित एलआईसी कॉलोनी के अपने आवास पर भी अस्थमा रोग के मरीजों को सलाह देने का कार्य सेवा की भावना से करते हैं। इस संबंध में और अधिकारी जानकारी मोबाइल नम्बर 9887088122 पर डॉ अरोड़ा से ली जा सकती है।
जागरुकता वॉक
विश्व अस्थमा दिवस पर सात मई को स्टॉप फोर अस्थमा जागरुकता वॉक रखी गई है। इस वॉक में अजमेर के सौ से भी अधिक चिकित्सक और अधिकारी हिस्सा लेंगे। पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के डॉक्टर प्रमोद दाधीच ने बताया कि यह वॉक सात मई को सुबह साढ़े छह बजे मित्तल अस्पताल के परिसर से शुरू होकर माहेश्वरी पब्लिक स्कूल तक पहुंचेगी और फिर इस मार्ग से वापस अस्पताल परिसर में आएगी। वॉक में भाग लेने वालों के  फेफड़ों की कम्प्यूटर द्वारा जांच की जाएगी। सबसे अधिक स्वास्थ्य फेफड़े पाए जाने वाले धावक को पुरस्कृत भी किया जाएगा।