आईएएनएस रिव्यू : दर्शकों को कुर्सी से बांधे रखेगी 'औहाम', हर सस्पेंस उड़ाएगा होश फिल्म: औहाम

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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आईएएनएस रिव्यू : दर्शकों को कुर्सी से बांधे रखेगी 'औहाम', हर सस्पेंस उड़ाएगा होश फिल्म: औहाम

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फिल्म की अवधि: 142 मिनट, निर्माता: रिचा गुप्ता,निर्देशक: अंकित हंस,कास्ट: हृदय सिंह, दिव्या मलिक और वरुण सूरी,लेखक: महेश कुमार और हृदय सिंह,स्क्रीनप्ले, डायलॉग और लिरिक्स: वरुण सूरी,म्यूजिक कंपोजर: विजय वर्मा, आईएएनएस रेचिंग: 4 स्टार एक फिल्म निर्माता के लिए सबसे बड़ी चुनौती फिल्म के सस्पेंस-थ्रिलर एलिमेंट्स को दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत करना, साथ ही साथ फिल्म के अंत तक दर्शकों को बांधे रखना होता है। अंकित हंस के निर्देशन में बनी 'औहाम' में ठीक यही हुआ है। शुक्रवार, 26 मई को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई 'औहाम' सिनेमाई दुनिया का ऐसा बेहतरीन नमूना है कि आपके होश उड़ा देगी।

अपनी यूनिक स्टोरीलाइन, शानदार डायरेक्शन, अद्भुत स्क्रीनप्ले, पावरफुल डायलॉग, बेहतरीन गाने और सुनने लायक साउंडट्रैक के साथ 'औहम' हर चीज में अव्वल साबित हुई है और साथ में यह एक ऐसा प्रभाव पैदा करती है, जो फिल्म देखने के अनुभव को यादगार बनाता है।

फिल्म की कहानी में शिवा और रिया शादीशुदा कपल हैं। उनके जिंदगी में अचनाक मोड़ तब आता है, जब अचानक एक दिन रिया लापता हो जाती है, जिससे शिव बेहद परेशान हो जाता है और काफी ढूंढने के बाद थक-हारकर पुलिस के पास जाता है।

मामले की जांच करते हुए पुलिस के सामने कई रहस्य सामने आते हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, पुलिस को इस मामले में कई मिसिंग लिंक्स मिलते हैं जो केस को और पेचीदा बना देते हैं। अब इस मामले को सुलझाना पुलिस के लिए काफी मुश्किल काम हो गया है।

निर्देशक अंकित हंस ने फिल्म को इस तरह से शूट किया है कि दर्शक पूरी फिल्म में हर ट्विस्ट पर हैरान हो जाएंगे। अपनी शानदार निर्देशन क्षमता के साथ, हंस यह सुनिश्चित करते हैं कि दर्शक फिल्म को देखते वक्त बोर न हो, वह अपनी सीट से फिल्म के एंड तक चिपके रहें। लोगों के लिए फिल्म का अनुभव यादगार रहेगा।

फिल्म में हृदय सिंह (शिवा), दिव्या मलिक (रिया) और वरुण सूरी (इंस्पेक्टर यशवंत) ने अपने-अपने किरदार बेहद शानदार तरीके से निभाए हैं।

कास्टिंग एकदम सही है। बाल कलाकार जनेशा सूरी, पुष्पिंदर सिंह, राम नारायण चावला, अमित बालाजी और अन्य कलाकारों ने भी अपनी भूमिका निभाने में काफी मेहनत की है।

सिनेमाघरों से निकलने के काफी समय बाद तक आपके दिमाग में 'औहाम' का जादू छाया रहेगा। फिल्म बेहद प्रभावशाली है, इसे मिस न करें।