ममता कुलकर्णी ने खोले राज, कहा - 'हनुमान जी आए थे साक्षात, अब कोई नहीं रोक सकता!

90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार फिल्मों की वजह से नहीं बल्कि अपने आध्यात्मिक सफर को लेकर। हाल ही में उन्हें किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई थी, जिसके बाद से विवादों का सिलसिला थम नहीं रहा है। कई संतों और धार्मिक नेताओं ने इस फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम प्रमुख है। अब ममता ने इन सभी आरोपों और आलोचनाओं पर मुंहतोड़ जवाब दिया है।"
आप की अदालत" कार्यक्रम में ममता ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, "मैंने साल 2000 से ही तपस्या शुरू कर दी थी। यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है। मेरी 23 साल की कठोर साधना के बाद मुझे यह सम्मान मिला है।" उन्होंने बताया कि उन्होंने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अपना पट्टागुरु चुना क्योंकि वह साक्षात अर्धनारीश्वर का रूप हैं।
ममता ने अपने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा, "जो लोग मेरे बारे में नहीं जानते, वे मुझ पर सवाल उठा रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि पहले जानकारी लें, फिर बोलें।" उन्होंने खास तौर पर बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा। ममता ने कहा, "वह नैपी धीरेंद्र शास्त्री हैं। जिस हनुमान जी की वो पूजा करते हैं, वे मेरी 23 साल की तपस्या के दौरान दो बार प्रत्यक्ष रूप में मेरे सामने आए हैं। जितनी उनकी उम्र है उतनी मैंने तपस्या की है।"
ममता ने धीरेंद्र शास्त्री को एक सलाह भी दी। उन्होंने कहा, "मैं धीरेन्द्र शास्त्री से एक बात कहना चाहती हूं कि उनके गुरु रामभद्राचार्य दिव्य दृष्टि वाले हैं। उनसे पूछिए कि मैं कौन हूं और चुपचाप बैठ जाइए।" यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे ममता का करारा जवाब मान रहे हैं।