90 के दशक की चमकती सितारा ममता कुलकर्णी आज एक बार फिर सुर्खियों में, इतने करोड़ की हैं मालकिन

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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90 के दशक की चमकती सितारा ममता कुलकर्णी आज एक बार फिर सुर्खियों में, इतने करोड़ की हैं मालकिन

Mamta Kulkarni

Photo Credit: Instagram


90 के दशक की चमकती सितारा ममता कुलकर्णी आज एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी वजह फिल्मी पर्दा नहीं, बल्कि सन्यास का ठंडा चोला है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के पावन मौके पर उन्होंने किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि ग्रहण की और अब वह 'श्री यामाई ममता नंद गिरी' के नाम से जानी जाएंगी। यह कहानी सिर्फ एक सेलिब्रिटी के जीवन के उतार-चढ़ाव की नहीं, बल्कि उस साहस की है जो दुनिया की चकाचौंध छोड़कर आत्मा की खोज में निकल पड़ती है।

फिल्मी करियर की चमक और विवादों की छाया

ममता कुलकर्णी ने 1992 में फिल्म 'तिरंगा' से बॉलीवुड में कदम रखा। 'करन-अर्जुन', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' और 'बाज़ी' जैसी हिट फिल्मों ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। लेकिन सफलता के साथ विवाद भी उनका पीछा करते रहे। 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग मामले में नाम आने पर उनकी छवि धूमिल हुई, हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2020 में उन्हें बरी कर दिया। इन सबके बीच, 2002 में फिल्म 'कभी तुम कभी हम' के बाद उन्होंने अचानक इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।

आध्यात्मिक यात्रा का आगाज: 23 साल की तपस्या

ममता के शब्दों में, "यह महादेव और मां काली का आदेश था।" 24 जनवरी 2025 को महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका 'पट्टाभिषेक' किया। इससे पहले, उन्होंने संगम तट पर पिंड दान कर अपने पूर्वजों को तर्पण दिया। केसरिया वस्त्र और रुद्राक्ष की माला पहने ममता ने बताया कि उनकी आध्यात्मिक यात्रा 2000 में गुरु चैतन्य गगन गिरी के सानिध्य में शुरू हुई थी। पिछले 23 वर्षों से वह नियमित तपस्या में लीन थीं।

किन्नर अखाड़े का ऐतिहासिक फैसला

यह पहली बार है जब किसी पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री को किन्नर अखाड़ा जैसे प्रतिष्ठित संगठन ने महामंडलेश्वर बनाया हो। यह अखाड़ा समलैंगिक और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहा है। ममता का यहां शामिल होना न सिर्फ उनके व्यक्तिगत सफर का हिस्सा है, बल्कि समाज को एक संदेश भी देता है कि आध्यात्मिकता किसी लिंग या पहचान की मोहताज नहीं होती।

संपत्ति का राज: 85 करोड़ रुपये का साम्राज्य

बाहर से सादगी भरा जीवन जाने वाली ममता के पास करीब 85 करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह धन उनके फिल्मी करियर, विदेश में निवेश और प्रॉपर्टी से आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके पास मुंबई और दुबई में लक्ज़री अपार्टमेंट्स के साथ-साथ केन्या में एक फार्महाउस भी है। हालांकि, सन्यास लेने के बाद अब यह संपत्ति उनके लिए सांसारिक मोह मात्र है।

विवादों ने किया था घेरा

2013 में विकी गोस्वामी से विवाह की अफवाहों से लेकर ड्रग केस तक, ममता हमेशा चर्चाओं में रहीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "लोगों को बिना जाने बातें बनाने की आदत है।" 2020 में कोर्ट से बरी होने के बाद वह पूरी तरह आध्यात्म की ओर मुड़ गईं। उनके समर्थकों का कहना है कि यह उनके जीवन का सबसे शांतिपूर्ण दौर है।

समाज की प्रतिक्रिया: आशीर्वाद और संशय

जहां एक तरफ आम जनता ने उनके फैसले को साहसिक बताया, वहीं कुछ धार्मिक नेताओं ने सवाल उठाए। बाबा रामदेव ने टिप्पणी की, "एक दिन में कोई संत नहीं बन जाता।" लेकिन किन्नर अखाड़े के प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि ममता ने इस उपाधी के लिए सभी आध्यात्मिक परीक्षाएं पास की हैं।

भविष्य की योजना: धर्म प्रचार और समाज सेवा

अपने नए नाम 'यामाई ममता नंद गिरी' के साथ वह अब धर्म के प्रचार और समाज सेवा में जुट गई हैं। उनका कहना है कि वह संतान धर्म को आधुनिक संदर्भ में पेश करना चाहती हैं। महिला सशक्तिकरण और युवाओं को आध्यात्मिक मार्ग दिखाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।