उल्लू ऐप के मालिक का राज: करोड़ों की कमाई, विवादों का जाल!

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उल्लू ऐप के मालिक का राज: करोड़ों की कमाई, विवादों का जाल!

vibhu agarwal

Photo Credit: Social Media


भारतीय ओटीटी मंचों की दुनिया में उल्लू ऐप ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है, लेकिन यह पहचान विवादों से भरी रही है। इस ऐप की स्थापना 2018 में विभु अग्रवाल ने की थी, जो इसके सीईओ भी हैं। उनकी पत्नी के साथ मिलकर बनाया गया यह मंच आज छोटे शहरों और कस्बों में खासा लोकप्रिय है। लेकिन हाल ही में इसके रियलिटी शो 'हाउस अरेस्ट' ने अश्लील सामग्री को लेकर तीखी आलोचना झेली, जिसके बाद इसे ऐप से हटा लिया गया। यह पहली बार नहीं है जब उल्लू ऐप विवादों में घिरा हो। आखिर क्या है इसकी कहानी, और क्यों यह बार-बार सुर्खियों में आता है?

हाउस अरेस्ट शो: विवाद का केंद्र

'हाउस अरेस्ट' एक रियलिटी शो था, जिसे अभिनेता एजाज खान होस्ट कर रहे थे। इस शो में कथित तौर पर अश्लील दृश्य और आपत्तिजनक सामग्री दिखाई गई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। एक वायरल क्लिप में प्रतिभागियों से कथित तौर पर अभद्र टास्क करवाए गए, जिसने दर्शकों और सामाजिक संगठनों का गुस्सा भड़का दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने तुरंत संज्ञान लिया और उल्लू ऐप के सीईओ विभु अग्रवाल और एजाज खान को समन जारी किया। इसके बाद उल्लू ने शो के सभी एपिसोड्स को अपने मंच से हटा लिया, लेकिन तब तक विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था।

विभु अग्रवाल: उल्लू ऐप के पीछे का चेहरा

विभु अग्रवाल एक भारतीय उद्यमी हैं, जिन्होंने मनोरंजन उद्योग में अपनी जगह बनाई है। उल्लू ऐप को उन्होंने छोटे शहरों के दर्शकों को ध्यान में रखकर शुरू किया था, जहां किफायती दामों पर बोल्ड और ड्रामा से भरी सामग्री की मांग थी। उनकी पत्नी भी इस कारोबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उल्लू ऐप की कमाई करोड़ों में है, और यह भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खासा लोकप्रिय है। लेकिन इस लोकप्रियता के साथ-साथ यह ऐप बार-बार अश्लीलता और अनैतिक सामग्री के आरोपों में फंसता रहा है।

क्या ओटीटी मंचों पर सेंसरशिप जरूरी है?

उल्लू ऐप और इसके जैसे अन्य मंचों पर अश्लील सामग्री को लेकर बहस तेज हो गई है। कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इन मंचों पर सख्त सेंसरशिप की मांग की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी पहले उल्लू ऐप पर निशाना साधते हुए कहा था कि इसकी सामग्री स्कूली बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल रही है। दूसरी ओर, कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हैं। इस बहस ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या ओटीटी मंचों को सेंसर बोर्ड की निगरानी में लाना चाहिए?

उल्लू ऐप का भविष्य

'हाउस अरेस्ट' विवाद के बाद उल्लू ऐप ने अपनी छवि सुधारने की कोशिश शुरू कर दी है। मंच ने विवादित शो को हटाने के साथ ही कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया, जिससे कई सवाल अनुत्तरित रह गए। क्या उल्लू ऐप इस विवाद से उबर पाएगा, या यह इसके लिए एक बड़ा झटका साबित होगा? यह समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि इस तरह के विवाद ओटीटी मंचों के लिए चुनौतियां बढ़ा रहे हैं, और दर्शकों की उम्मीदें भी बदल रही हैं।