बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। इस बार की वजह है उनके एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट का स्थायी रूप से निलंबित होना। स्वरा ने इंस्टाग्राम पर इस घटना को साझा करते हुए आरोप लगाया कि उनकी अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश की गई है। यह विवाद दो ट्वीट्स को लेकर है, जिनमें एक में महात्मा गांधी से जुड़ा एक नारा और दूसरे में उनकी बेटी की तस्वीर शामिल थी।
स्वरा भास्कर ने महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर एक ट्वीट किया था, जिसमें नारंगी पृष्ठभूमि पर हिंदी देवनागरी लिपि में लिखा था – "गांधी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं।" यह नारा भारत में प्रगतिशील आंदोलनों से जुड़ा रहा है और पहले भी कई बार राजनीतिक विवादों में सुर्खियां बटोर चुका है। दूसरा ट्वीट स्वरा की बेटी की एक तस्वीर थी, जिसमें उनका चेहरा छिपाया गया था और हाथ में तिरंगा लिए हुए "हैप्पी रिपब्लिक डे इंडिया" लिखा हुआ था। एक्स ने इन दोनों ट्वीट्स को कॉपीराइट उल्लंघन बताते हुए उनके अकाउंट को स्थायी रूप से निलंबित कर दिया।

अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में स्वरा ने कहा कि यह निर्णय "तर्कहीन और असंवैधानिक" है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक सार्वजनिक नारा, जो सामाजिक आंदोलनों का हिस्सा रहा है, कैसे कॉपीराइट उल्लंघन हो सकता है। बेटी की तस्वीर को लेकर उन्होंने कहा,
"मेरी अपनी बच्ची की तस्वीर पर किसका कॉपीराइट हो सकता है? यह तो मेरी निजी यादगार है।" स्वरा का मानना है कि उनके ट्वीट्स को जानबूझकर मास रिपोर्ट किया गया, ताकि उनकी आवाज़ दबाई जा सके।
"गांधी हम शर्मिंदा हैं..." नारे का इतिहास और विवाद
यह नारा पहली बार 2016 में जेएनयू विवाद के दौरान सुर्खियों में आया था, जब अफजल गुरु की फांसी के विरोध में छात्रों ने इसे बुलंद किया था। इस नारे को लेकर तब भी राजनीतिक बहस छिड़ी थी, क्योंकि इसमें गांधी की हत्या से जुड़े विचारों को उठाया गया था। स्वरा के ट्वीट ने एक बार फिर इस नारे को चर्चा में ला दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह नारा राष्ट्रविरोधी भावनाएं फैलाता है, जबकि दूसरे इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा मानते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सेंसरशिप की बहस
स्वरा का मामला सोशल मीडिया पर सेंसरशिप की बड़ी बहस को फिर से हवा दे गया है। पहले भी कंगना रनौत जैसी हस्तियों के अकाउंट्स निलंबित हो चुके हैं, जिसे कुछ लोग "विचारधारात्मक पूर्वाग्रह" का उदाहरण मानते हैं। एक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स की नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये निष्पक्ष हैं या फिर राजनीतिक दबाव में काम करते हैं। स्वरा के समर्थकों का कहना है कि उनकी आलोचनात्मक आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है।
जनता की प्रतिक्रिया: समर्थन और विरोध दोनों
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोग दो खेमों में बंटे हुए हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि स्वरा ने जानबूझकर विवादित नारे का इस्तेमाल किया, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। वहीं, दूसरे उनके पक्ष में खड़े हैं और मानते हैं कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। एक यूजर ने लिखा,
"अगर अपनी बच्ची की तस्वीर शेयर करना गुनाह है, तो फिर सोशल मीडिया का क्या मतलब?"