मोबाइल यूजर्स के लिए खुशखबरी, अब नहीं होगी नेटवर्क की समस्या!
मोबाइल यूजर्स के लिए सर्विसेस को बेहतर बनाने के लिए, सरकार नियमित रूप से टेलीकॉम नियमों को अपडेट करती रहती है। अगर आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, 1 जनवरी, 2025 से एक नया नियम लागू होने जा रहा है, जिसका सीधा असर जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल के ग्राहकों पर पड़ेगा। अगले साल से लागू होने जा रहे ये नए नियम देश में 5G इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से विकास करने में मदद करेंगे।
राइट ऑफ वे (RoW) के लिए नए निर्देश
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में, सरकार ने टेलीकॉम एक्ट के तहत अतिरिक्त नियम पेश किए है, और सभी राज्यों को इन नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। नए नियम को राइट ऑफ वे (RoW) कहा जा रहा है। इस गाइडलाइन के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करते समय कंसिस्टेंट कॉस्ट देना होगा। वर्तमान में, RoW नियम राज्य दर राज्य अलग-अलग हैं, जिसके कारण टेलीकॉम ऑपरेटरों को परमिशन्स और देशभर में इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए अलग-अलग शुल्क देना पड़ता है।
इस पहल का उद्देश्य मोबाइल यूजर्स के लिए नेटवर्क कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से टेलीकॉम एक्ट के तहत लागू किए गए RoW नियमों का पालन करने का आग्रह किया है। परमिशन लेने की सलर, डिजिटल प्रक्रिया टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के लिए एक बड़ी चुनौती का प्रभावी ढंग से समाधान करेगी। चूंकि सब कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो रहा है, इसलिए ट्रांसपेरेंसी और एफिशियंसी के बढ़ने की उम्मीद है, खासकर तब जब कई राज्य सरकारें अभी भी अनुमति देने के लिए पुराने, ऑफलाइन तरीकों पर निर्भर हैं।
एक बार जब नए RoW नियम लागू हो जाएंगे, तो टेलीकॉम कंपनियां 5G टावर लगाने के अपने प्रयासों को तेज कर देंगी। यह रेगुलेशन तेज नेटवर्क प्रदान करने के मामले में काफी लागत बचाने में मदद कर सकता है। रिपोर्ट बताती हैं कि इस नियम से वीआई और बीएसएनएल जैसी कंपनियों को बहुत फायदा हो सकता है, दोनों ने अभी तक 5G नेटवर्क स्थापित नहीं किया है। RoW के लागू होने के साथ, उन्हें उस दिशा में आगे बढ़ना आसान लगेगा।