WhatsApp पर नया खतरा! शादी के कार्ड में छिपा है खतरनाक वायरस
ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर यूजर्स को अपने जाल में फंसा रहे हैं। यूजर्स चालाक स्कैमर्स की चालों को पहचान नहीं पाते और फर्जी स्कीम और ऑफर के लालच में भारी नुकसान उठाते हैं।
ताजा मामला तमिलनाडु का है, जहां एक डॉक्टर को यूट्यूब के एक विज्ञापन पर क्लिक करने की वजह से 76.5 लाख रुपये का नुकसान हो गया। द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर ने शेयर बाजार और ऑनलाइन ट्रेडिंग पर मार्गदर्शन देने वाले यूट्यूब विज्ञापन पर क्लिक किया था।
स्कैमर्स ने एक फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था
इस विज्ञापन पर क्लिक करने के बाद वह एक व्हाट्सएप ग्रुप पर पहुंचे। इस व्हाट्सएप ग्रुप में पहले से ही कई सदस्य थे, जो खुद को निवेशक बताकर शेयर बाजार से जुड़ी बातें कर रहे थे और मुनाफे के स्क्रीनशॉट भी शेयर कर रहे थे। इस ग्रुप में शेयर किए जा रहे टिप्स से डॉक्टर काफी प्रभावित हुए और उन्हें लगा कि इस क्षेत्र के अनुभवी लोगों के साथ काम करने का यह अच्छा मौका है।
ट्रेडिंग की बेसिक जानकारी देकर जीता भरोसा
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती दिनों में डॉक्टर यानी पीड़ित यूजर को वॉट्सऐप ग्रुप में ऑनलाइन ट्रेडिंग की बेसिक जानकारी दी गई। इससे डॉक्टर का इस ग्रुप पर भरोसा और बढ़ गया। इस वॉट्सऐप ग्रुप को दिवाकर सिंह नाम का शख्स मैनेज कर रहा था। दिवाकर सिंह ग्रुप में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म निवेश के टिप्स शेयर करता था। धीरे-धीरे डॉक्टर का इस ग्रुप पर भरोसा काफी बढ़ गया और उसने बड़े लेवल पर ट्रेडिंग करने का फैसला किया।
भारतीय और अमेरिकी शेयरों में निवेश का झांसा
वॉट्सऐप ग्रुप चलाने वाले स्कैमर्स ने डॉक्टर से बड़े लेवल पर स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अलग से अकाउंट खोलने को कहा। ग्रुप के सदस्यों ने डॉक्टर को यह भी भरोसा दिलाया कि निवेश के बदले में उन्हें बड़ा फायदा मिलेगा, क्योंकि उनके फंड को भारतीय और अमेरिकी शेयरों में निवेश किया जाएगा। स्कैमर्स डॉक्टर को 30 फीसदी मार्जिन पर स्टॉक और आईपीओ का सुझाव देते थे।
तीन हफ्ते में करीब 76.5 लाख ट्रांसफर किए
ज्यादा मुनाफे के लालच में डॉक्टर ने स्कैमर्स के दिए गए लिंक के जरिए पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर में तीन सप्ताह के भीतर इस लिंक के लिए करीब 76.5 लाख रुपये ट्रांसफर किए। कुछ दिन बाद डॉक्टर ने इस खाते से 50 लाख रुपये निकालने की कोशिश की, लेकिन वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो गया। हैरान करने वाली बात यह है कि वेबसाइट निकासी की प्रक्रिया के लिए 50 लाख रुपये का अतिरिक्त चार्ज मांग रही थी। इसके बाद डॉक्टर को समझ में आ गया कि उनके साथ बहुत बड़ी ठगी हुई है।
इन बातों का रखें ध्यान
पुलिस और साइबर अधिकारियों ने तुरंत रिटर्न का वादा करने वाले फर्जी ऑनलाइन विज्ञापनों से सावधान रहने को कहा है। इस तरह के स्कैम से बचने के लिए किसी भी अनजान ग्रुप में अपनी वित्तीय जानकारी शेयर न करें। साथ ही किसी भी मैसेज या ईमेल पर आए किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी विज्ञापन जो कम समय में बड़ा मुनाफा दिलाने का वादा करता है, वह फर्जी होता है।