दो सिम वालों की बल्ले-बल्ले, अब 20 रुपये में दूसरी सिम रहेगी चालू!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Gadgets

दो सिम वालों की बल्ले-बल्ले, अब 20 रुपये में दूसरी सिम रहेगी चालू!

Girl Phone

Photo Credit: UPUKLive


आज के डिजिटल दौर में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। ज्यादातर लोग अपने फोन में दो सिम रखते हैं - एक रोज़मर्रा के कॉल और डेटा के लिए, तो दूसरी बैकअप या खास जरूरतों के लिए। लेकिन दूसरी सिम को चालू रखने का झंझट और महंगे रिचार्ज की टेंशन हर किसी को परेशान करती थी। अब इस समस्या का हल निकल आया है! भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने एक ऐसा नियम लागू किया है, जिससे आपकी जेब पर बोझ पड़े बिना, महज 20 रुपये में दूसरी सिम को एक्टिव रखा जा सकेगा। ये खबर सुनकर करोड़ों यूजर्स की खुशी का ठिकाना नहीं है। तो आइए, जानते हैं कि ये नया नियम आपकी जिंदगी को कैसे आसान बनाने वाला है।

नया नियम, नई राहत

TRAI ने हाल ही में अपने नियमों में बदलाव करते हुए दो सिम यूजर्स को बड़ी सौगात दी है। अब अगर आपकी दूसरी सिम 90 दिनों तक इस्तेमाल में नहीं आती, तो भी इसे डिएक्टिवेट होने से बचाने के लिए आपको बस 20 रुपये का रिचार्ज करना होगा। इस छोटी सी रकम से आपकी सिम अगले 30 दिनों तक चालू रहेगी। पहले जहां महंगे प्लान लेने पड़ते थे, वहीं अब ये किफायती तरीका हर किसी के लिए वरदान साबित हो रहा है। चाहे आप जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया या बीएसएनएल का नंबर इस्तेमाल करें, ये सुविधा सभी पर लागू है।

कैसे काम करेगा ये नियम?

इस नियम को समझना बेहद आसान है। मान लीजिए, आप अपनी दूसरी सिम का इस्तेमाल कम करते हैं और 90 दिन तक उससे कोई कॉल, मैसेज या डेटा यूज नहीं होता। पहले तो टेलीकॉम कंपनियां इसे बंद कर देती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 90 दिन बाद आपको 20 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा। इस दौरान अगर आपके सिम में बैलेंस है, तो कंपनी 20 रुपये काटकर इसे 30 दिनों तक एक्टिव रखेगी। अगर बैलेंस नहीं है, तो भी आप सस्ते रिचार्ज से इसे चालू कर सकते हैं। यानी अब नंबर बंद होने की टेंशन खत्म!

यूजर्स को क्या फायदा?

दो सिम रखने वालों के लिए ये नियम किसी तोहफे से कम नहीं। खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी दूसरी सिम को पुराने नंबर या इमरजेंसी के लिए रखते हैं। अब न तो आपको हर महीने महंगे रिचार्ज की चिंता होगी, न ही नंबर खोने का डर। ये कदम न सिर्फ आपका पैसा बचाएगा, बल्कि टेलीकॉम कंपनियों को भी नंबर मैनेज करने में मदद करेगा। ग्रामीण इलाकों में जहां लोग कम खर्च में कनेक्टिविटी चाहते हैं, वहां भी ये नियम गेम-चेंजर साबित होगा।