AI के आने से कौन बचेगा, कौन जाएगा? टॉप 8 नौकरियां जो खतरे में हैं

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AI के आने से कौन बचेगा, कौन जाएगा? टॉप 8 नौकरियां जो खतरे में हैं

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने न केवल तकनीकी दुनिया में तहलका मचाया है, बल्कि अब यह हमारे रोजगार के तौर-तरीकों को भी पूरी तरह बदल रहा है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, अगले पांच सालों में AI ड्राइवर्स, कोडर्स, और रिक्रूटर्स जैसे आठ प्रमुख पेशों को या तो पूरी तरह बदल देगा या उनकी जरूरत को कम कर देगा। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए चिंता का विषय बन सकती है जो इन क्षेत्रों में अपनी आजीविका चलाते हैं। हालांकि, यह तकनीकी क्रांति चुनौतियों के साथ-साथ नए अवसरों का द्वार भी खोल रही है। आइए, जानते हैं कि AI का यह असर किन-किन नौकरियों पर पड़ रहा है और भविष्य के लिए हमें कैसे तैयार होना चाहिए।

ड्राइविंग की दुनिया में ऑटोमेशन का दबदबा

ड्राइविंग से जुड़े पेशे, जैसे टैक्सी ड्राइवर्स, ट्रक ड्राइवर्स, और डिलीवरी पर्सन्स, AI की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। सेल्फ-ड्राइविंग कारें, ऑटोनॉमस ट्रक, और डिलीवरी ड्रोन्स अब केवल सपना नहीं रहे; कई देशों में इनका टेस्टिंग चरण जोरों पर है। जैसे-जैसे यह तकनीक और सटीक होती जाएगी, ड्राइविंग से जुड़ी पारंपरिक नौकरियां धीरे-धीरे कम हो सकती हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ सालों में यह सेक्टर पूरी तरह ऑटोमेशन के हवाले हो सकता है। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती है जो ड्राइविंग को अपनी रोजी-रोटी का आधार मानते हैं।

रिक्रूटमेंट इंडस्ट्री पर AI की नजर

नौकरी ढूंढने और देने की प्रक्रिया भी AI के प्रभाव से नहीं बच पा रही है। पहले रिक्रूटर्स उम्मीदवारों के रिज्यूमे की जांच, इंटरव्यू शेड्यूलिंग, और टैलेंट चयन जैसे कामों को घंटों मेहनत करके पूरा करते थे। लेकिन अब मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स की मदद से AI टूल्स ये काम चंद मिनटों में और ज्यादा सटीकता के साथ कर रहे हैं। AI-पावर्ड सॉफ्टवेयर रिज्यूमे स्कैनिंग, स्किल्स का आकलन, और यहां तक कि उम्मीदवारों के व्यवहार का विश्लेषण भी कर सकते हैं। नतीजतन, कई कंपनियां अब ऑटोमेटेड सिस्टम्स पर निर्भर हो रही हैं, जिससे रिक्रूटर्स की भूमिका सीमित हो रही है। यह बदलाव भविष्य में इस इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में AI की क्रांति

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में भी AI का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। पहले AI टूल्स जैसे GitHub Copilot या ChatGPT केवल छोटे-मोटे कोड लिखने या त्रुटि सुधार के लिए इस्तेमाल होते थे। लेकिन अब ये टूल्स पूरे प्रोग्राम लिखने, कोड रिव्यू करने, और डिबगिंग तक करने में सक्षम हैं। इससे जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और कोडर्स की नौकरियां खतरे में पड़ रही हैं। कंपनियां AI की मदद से समय और लागत बचा रही हैं, जिससे पारंपरिक कोडिंग जॉब्स की मांग कम हो सकती है। हालांकि, यह भी सच है कि AI सिस्टम्स को डिजाइन, ट्रेन, और मैनेज करने के लिए नए स्किल्स की जरूरत होगी, जो भविष्य में नई संभावनाएं खोलेगी।

अन्य क्षेत्रों पर AI का असर

डेटा एंट्री, कस्टमर सर्विस, और फैक्ट्री वर्कर्स जैसे पेशे भी AI की लहर से अछूते नहीं हैं। AI चैटबॉट्स अब कस्टमर सर्विस में इंसानों की जगह ले रहे हैं, जो 24/7 ग्राहकों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। दूसरी ओर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन ने फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन को तेज, सस्ता, और अधिक कुशल बना दिया है। यह बदलाव उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो इन क्षेत्रों में काम करते हैं। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि AI नई नौकरियां भी पैदा करेगा, जैसे AI सिस्टम डिजाइनर, डेटा साइंटिस्ट, और AI ट्रेनर की भूमिकाएं। इसके लिए जरूरी है कि वर्कफोर्स को अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के जरिए भविष्य के लिए तैयार किया जाए।

भविष्य की तैयारी कैसे करें?

AI का बढ़ता प्रभाव निश्चित रूप से कुछ नौकरियों को खत्म कर सकता है, लेकिन यह नए अवसरों का सृजन भी करेगा। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को डेटा एनालिसिस, मशीन लर्निंग, और AI सिस्टम मैनेजमेंट जैसे नए स्किल्स सीखने चाहिए। ऑनलाइन कोर्सेज, वर्कशॉप्स, और सर्टिफिकेशन प्रोग्राम्स के जरिए युवा और प्रोफेशनल्स खुद को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। सरकारों और कंपनियों को भी चाहिए कि वे अपस्किलिंग प्रोग्राम्स को बढ़ावा दें ताकि वर्कफोर्स इस बदलाव के लिए तैयार हो सके।