राजस्थान से हरियाणा तक मौसम का बड़ा अलर्ट, आंधी, बारिश और गरज-चमक की दस्तक

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राजस्थान से हरियाणा तक मौसम का बड़ा अलर्ट, आंधी, बारिश और गरज-चमक की दस्तक

Rain

Photo Credit: UPUKLive


उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में गर्मी का प्रकोप जारी है, लेकिन अब मौसम बदलने की तैयारी में है। 30 अप्रैल 2025 से राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्री-मानसून गतिविधियों की शुरुआत होने वाली है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 48 घंटों में धूल भरी आंधी, गरज-चमक के साथ बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है। यह बदलाव गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, लेकिन सावधानी भी जरूरी है। आइए जानते हैं इस मौसम अलर्ट के बारे में विस्तार से।

प्री-मानसून का प्रभाव: क्या होगा असर?

प्री-मानसून गतिविधियां उत्तर भारत में मानसून से पहले मौसम में बदलाव का संकेत देती हैं। स्काइमेट के विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय मौसमी सिस्टम के कारण राजस्थान और हरियाणा में तेज हवाएं चलेंगी, जिनकी गति 40-60 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इन हवाओं के साथ धूल भरी आंधी और हल्की से मध्यम बारिश होगी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी बादल गरजने और बिजली चमकने की घटनाएं देखने को मिलेंगी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी आशंका है। यह मौसम गर्मी से राहत देगा, लेकिन तेज हवाओं और आंधी के कारण नुकसान का खतरा भी बना रहेगा।

इन राज्यों में रहेगी हलचल

राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में धूल भरी आंधी का असर सबसे ज्यादा होगा। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर जैसे शहरों में तेज हवाएं और बारिश संभावित है। हरियाणा के हिसार, रोहतक और गुरुग्राम में भी मौसम का मिजाज बदलेगा। दिल्ली-एनसीआर में 30 अप्रैल की शाम से मौसम में बदलाव शुरू हो सकता है, जो 1 मई तक जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, आगरा और कानपुर जैसे शहरों में हल्की बारिश और गरज-चमक की उम्मीद है। मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में भी प्री-मानसून की बारिश राहत देगी, लेकिन ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है।

सावधानियां और सलाह

मौसम विशेषज्ञों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। तेज आंधी के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े होने या खुले मैदानों में रहने से बचें। घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि धूल अंदर न आए। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। यात्रा करने वालों को मौसम की जानकारी पहले से ले लेनी चाहिए, क्योंकि तेज हवाओं और बारिश से यातायात प्रभावित हो सकता है।

क्यों है यह मौसमी बदलाव खास?

यह प्री-मानसून गतिविधियां गर्मी की तपिश से राहत देने के साथ-साथ मानसून 2025 की शुरुआत का संकेत भी देती हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल मानसून समय पर और सामान्य से बेहतर हो सकता है। हालांकि, अभी प्री-मानसून की बारिश और आंधी का दौर कुछ दिनों तक लोगों का ध्यान खींचेगा। यह मौसम न केवल तापमान को कम करेगा, बल्कि पर्यावरण में नमी बढ़ाकर खेती के लिए भी अनुकूल माहौल बनाएगा।

आगे क्या?

मौसम विभाग और स्काइमेट के अनुसार, यह मौसमी बदलाव 2-3 दिनों तक सक्रिय रहेगा। इसके बाद तापमान में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन प्री-मानसून की गतिविधियां मई के पहले हफ्ते में भी जारी रहेंगी। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम अपडेट्स पर नजर रखें और सुरक्षित रहें।