आतंकियों से निपटने को भारत ने एलओसी के पास उतारे पैराट्रूपर
राकेश पाण्डेय घुसपैठ करने की कोशिश में लगे आतंकियों को ढूंढ़ने के लिए एक बड़े मिलिट्री ऑपरेशन को पिछले दस दिनों से कश्मीर के गांगबल के जंगलों में अंजाम दिया जा रहा है। यह मध्य कश्मीर में पड़ता है। यहां पर दो आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस को शक
राकेश पाण्डेय
घुसपैठ करने की कोशिश में लगे आतंकियों को ढूंढ़ने के लिए एक बड़े मिलिट्री ऑपरेशन को पिछले दस दिनों से कश्मीर के गांगबल के जंगलों में अंजाम दिया जा रहा है। यह मध्य कश्मीर में पड़ता है। यहां पर दो आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस को शक था कि या तो यहां पर भारी संख्या में आतंकी मौजूद हैं या घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
इस पहाड़ी इलाके में भारतीय पैरा-ट्रूपर्स को हेलकॉप्टर के जरिए उतारा गया है क्योंकि इस इलाके तक कोई भी रोड नहीं जाती है। ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि पास ही में मौजूद एक आर्मी यूनिट ने यहां पर एक आतंकी समूह के देखे जाने की बात कही थी।
एक बड़े आतंकी समूह के यहां पर होने के खतरे को देखते हुए भारत के पैरा ट्रूपर्स इस इलाके में हर तरफ फैल गए हैं। सेना को डर है कि ये आतंकी बांदीपोरा जिले के दूरदराज के इलाके गुरेज से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर गए हैं और वे अब दक्षिणी कश्मीर के त्राल जिले की ओर जाना चाहते हैं। दरअसल, भारत में घुसने के लिए यह आतंकियों का पुराना रास्ता रहा है।
घुसपैठ करने की कोशिश में लगे आतंकियों को ढूंढ़ने के लिए एक बड़े मिलिट्री ऑपरेशन को पिछले दस दिनों से कश्मीर के गांगबल के जंगलों में अंजाम दिया जा रहा है। यह मध्य कश्मीर में पड़ता है। यहां पर दो आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलिस को शक था कि या तो यहां पर भारी संख्या में आतंकी मौजूद हैं या घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
इस पहाड़ी इलाके में भारतीय पैरा-ट्रूपर्स को हेलकॉप्टर के जरिए उतारा गया है क्योंकि इस इलाके तक कोई भी रोड नहीं जाती है। ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि पास ही में मौजूद एक आर्मी यूनिट ने यहां पर एक आतंकी समूह के देखे जाने की बात कही थी।
एक बड़े आतंकी समूह के यहां पर होने के खतरे को देखते हुए भारत के पैरा ट्रूपर्स इस इलाके में हर तरफ फैल गए हैं। सेना को डर है कि ये आतंकी बांदीपोरा जिले के दूरदराज के इलाके गुरेज से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर गए हैं और वे अब दक्षिणी कश्मीर के त्राल जिले की ओर जाना चाहते हैं। दरअसल, भारत में घुसने के लिए यह आतंकियों का पुराना रास्ता रहा है।