ईंधन रिसाव व रॉकेट में दरार ने रोकी नासा की चंद्र यात्रा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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ईंधन रिसाव व रॉकेट में दरार ने रोकी नासा की चंद्र यात्रा

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-'मेगा मून रॉकेट' आर्टेमिस-1 का प्रक्षेपण फिलहाल स्थगित
 


केप केनरेवल। ईंधन रिसाव व दरार ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की महत्वाकांक्षी चंद्र यात्रा पर विराम लगा दिया है। चंद्रमा की कक्षा में भेजे जाने वाले 'मेगा मून रॉकेट' आर्टेमिस-1 का प्रक्षेपण फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। छह सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अगर आगे चलकर सफल रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ वर्षों में चांद की यात्रा फिर शुरू कर सकते हैं।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 'मेगा मून रॉकेट' आर्टेमिस-1 सोमवार को प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार कर लिया गया था। प्रक्षेपण स्थल पर आकाशीय बिजली गिरने के बावजूद नासा के वैज्ञानिक इस रॉकेट को भेजने की तैयारी में जुटे थे। 98 मीटर का यह प्रक्षेपण यान नासा का अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। यह नासा के 'अपोलो' अभियान के करीब आधी सदी बाद चंद्रमा की कक्षा में एक खाली 'क्रू कैप्सूल' भेजने की तैयारी में था।

नासा के इस राकेट की लांचिंग फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर के लांच पैड 39बी से सुबह 8:33 बजे (भारतीय समयानुसार शाम छह बजे) की जानी थी। इस बाबत तैयारी चल ही रही थी, तभी वैज्ञानिकों को ईंधन का रिसाव व रॉकेट में दरार दिखाई दी। रॉकेट में ईंधन के तौर पर सुपर-कोल्ड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन भरा जाता है, लेकिन लीक की वजह से ये काम रोक दिया गया। अब देखा जा रहा कि ईंधन का यह रिसाव किस दरार से हो रहा है। अब पहले ईंधन के भंडारण टैंक खाली किये जाएंगे, उसके बाद दरार को ठीक किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के बाद फिर से ईंधन भरकर रॉकेट को प्रक्षेपण के लिए तैयार किया जाएगा।

आर्टेमिस-1 के जरिए नासा का लक्ष्य चंद्रमा पर इंसानों को उतारना है। इससे पहले भी कई बार कोशिश हो चुकी है। अपोलो अभियान के तहत चंद्रमा पर 12 अंतरिक्ष यात्री उतरे थे। 'मेगा मून राकेट' आर्टेमिस-1 की छह सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अगर आगे चलकर सफल रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ वर्षों में चांद की यात्रा फिर शुरू कर सकते हैं।

नासा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जोखिम अधिक होने से उड़ान की अवधि को कम किया जा सकता है। नासा के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि शनिवार को आई आंधी के दौरान केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित राकेट और कैप्सूल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अन्य उपकरण भी सुरक्षित हैं।