इजरायल में आग का तांडव, राष्ट्रीय आपातकाल और बढ़ता खतरा

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इजरायल में आग का तांडव, राष्ट्रीय आपातकाल और बढ़ता खतरा

israel fire

Photo Credit: Social Media


इजरायल के जंगलों में लगी भीषण आग ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। यह आग इतनी भयावह है कि सैकड़ों फीट ऊंची लपटें आसमान को छू रही हैं, जिससे लोग दहशत में हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने इजरायल के 77वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न को मातम में बदल दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हालात की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। आग की चपेट में आए जंगलों से लेकर खेतों तक, नुकसान का खतरा लगातार बढ़ रहा है। आइए, इस संकट की गहराई को समझते हैं।

जंगल की आग ने मचाया कोहराम

इजरायल के हरे-भरे जंगलों में शुरू हुई यह आग अब बेकाबू हो चुकी है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग की लपटें इतनी ऊंची हैं कि उन्हें देखकर दिल दहल जाता है। जंगल में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। आग की तीव्रता इतनी है कि यह जंगलों से निकलकर खेतों और आसपास के इलाकों तक फैल गई है। इसने न केवल प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाया, बल्कि लोगों के घरों और आजीविका को भी खतरे में डाल दिया है।

राष्ट्रीय आपातकाल और नेतन्याहू का फैसला

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस संकट को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की। येरुशलम और तेल अवीव को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर आग की चपेट में आने के बाद पुलिस को सड़क बंद करनी पड़ी। हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। येरुशलम से करीब 30 किलोमीटर पश्चिम में बसे समुदायों को खाली कराया गया। इस बीच, इजरायल के प्रमुख समाचार चैनल, चैनल 12 को भी अपने स्टूडियो से प्रसारण रोकना पड़ा, जो आग के खतरे की गंभीरता को दर्शाता है। नेतन्याहू ने इस आपदा को “सदी की सबसे बड़ी त्रासदी” करार देते हुए देशवास से बचाव कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया।

अग्निशमन कर्मियों की जांबाजी

इस आपदा के बीच, इजरायल के अग्निशमन कर्मियों ने अदम्य साहस दिखाया है। उन्होंने येरुशलम और तेल अवीव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को आग की चपेट से बचाने में सफलता हासिल की। इसके अलावा, कई इलाकों में आग को काबू करने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है। हालांकि, आग की तीव्रता और तेज हवाओं के कारण यह काम आसान नहीं है। राहत कार्यों में सेना और स्वयंसेवी संगठनों की भी मदद ली जा रही है।