हमास की कैद से रिहाई, फिर अपने ही घर में इजराइली युवती से रेप, बताई दर्दनाक आपबीती

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हमास की कैद से रिहाई, फिर अपने ही घर में इजराइली युवती से रेप, बताई दर्दनाक आपबीती

israel mia schem

Photo Credit: Social Media


जिंदगी की सबसे बड़ी जंग जीतकर घर लौटना हर इंसान के लिए सुकून का पल होता है। लेकिन 22 साल की इजराइली युवती मिया शेम के लिए यह सुकून एक और दर्दनाक अनुभव में बदल गया। हमास की कैद से रिहा होने के बाद उन्हें अपने ही देश, अपने घर में ऐसी यातना का सामना करना पड़ा, जिसने न केवल उनकी जिंदगी को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। उनकी कहानी न सिर्फ हिम्मत की मिसाल है, बल्कि समाज में छिपे खतरों की ओर भी इशारा करती है।

हमास की कैद से आजादी: एक नई शुरुआत की उम्मीद

पिछले साल हमास की कैद से रिहा हुई मिया शेम ने सोचा था कि अब उनकी जिंदगी पटरी पर लौट आएगी। गाजा में बंधक बनाए जाने के दौरान उन्होंने असहनीय कष्ट सहे। लेकिन इजराइल लौटने पर उन्हें अपने ही घर में सुरक्षित महसूस होने की उम्मीद थी। मिया ने अपनी कहानी इजराइली न्यूज चैनल के साथ साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी सबसे बड़ी त्रासदी कैद में नहीं, बल्कि रिहाई के बाद हुई।

घर में हुआ दर्दनाक हादसा

मिया ने तेल अवीव के एक मशहूर फिटनेस ट्रेनर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस ट्रेनर ने उनके साथ उनके ही घर में बलात्कार किया और उन्हें नशीला पदार्थ दिया। मिया ने बताया कि वह इस ट्रेनर से एक सामाजिक आयोजन में मिली थीं। ट्रेनर ने उनके साथ कुछ समय तक काम किया और फिर एक हॉलीवुड निर्माता से मिलवाने का वादा किया, जो मिया की कहानी पर फिल्म बनाना चाहता था। इस मुलाकात के लिए ट्रेनर उनके घर आया, लेकिन वहाँ जो हुआ, वह मिया के लिए एक और आघात बन गया।

धोखे का जाल: नशीले पदार्थ का संदेह

मिया ने बताया कि ट्रेनर ने उनकी सहेली को यह कहकर घर से जाने के लिए मना लिया कि मीटिंग निजी और संवेदनशील है। इसके बाद मिया को उस रात की घटनाओं का बहुत कम हिस्सा याद है। उन्हें शक है कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया गया, क्योंकि उनका शरीर उस रात की पीड़ा को अब भी महसूस करता है। मिया ने कहा, “मुझे समझने में कई दिन लगे कि मेरे साथ क्या हुआ। मेरा दिमाग भूल गया, लेकिन मेरा शरीर सब याद रखता है।” इस अनुभव ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

हिम्मत और सच की लड़ाई

मिया की कहानी केवल एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं, बल्कि समाज में विश्वास के दुरुपयोग और छिपे खतरों की चेतावनी है। उन्होंने अपनी आपबीती को सार्वजनिक करने का फैसला किया ताकि दूसरों को जागरूक किया जा सके। उनकी हिम्मत उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल हालातों से जूझ रहे हैं। मिया का कहना है कि वह इस त्रासदी को अपनी कमजोरी नहीं बनने देंगी, बल्कि इसके खिलाफ आवाज उठाएंगी।