वैलेंटाइन डे की रोमांटिक हवा में नहीं बहते ये देश, यहाँ 'प्यार' को मिलती है सज़ा!

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. International

वैलेंटाइन डे की रोमांटिक हवा में नहीं बहते ये देश, यहाँ 'प्यार' को मिलती है सज़ा!

Valentine Day

Photo Credit: Valentine Day


फरवरी का महीना आते ही दुनिया भर में प्यार और रोमांस की खुशबू फैलने लगती है। 14 फरवरी को मनाया जाने वाला वैलेंटाइन डे दिलों को जोड़ने और रिश्तों को मनाने का प्रतीक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ देशों में यह दिन न सिर्फ़ अवांछित है, बल्कि कानूनी तौर पर प्रतिबंधित भी है? जी हाँ, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मान्यताओं के चलते कई देशों में वैलेंटाइन डे का जश्न मनाना अपराध की श्रेणी में आता है। आइए, ऐसे ही कुछ देशों की कहानी जानते हैं, जहाँ प्यार जताने की आज़ादी पर सवालिया निशान लगा दिया गया है।

सऊदी अरब: इस्लामिक नियमों की छाया में प्रेम

सऊदी अरब में वैलेंटाइन डे को "पश्चिमी संस्कृति का अतिक्रमण" माना जाता है। यहाँ के कट्टर इस्लामिक नियमों के अनुसार, सार्वजनिक रूप से प्यार जताना या प्रेम संबंधी उत्सव मनाना नैतिकता के खिलाफ है। 2008 में यहाँ के धार्मिक पुलिस विभाग ने लाल गुलाब, हार्ट-शेप्ड उपहार और यहाँ तक कि लाल कपड़े बेचने पर भी रोक लगा दी थी। हालाँकि, हाल के वर्षों में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में कुछ सामाजिक सुधार हुए हैं, लेकिन वैलेंटाइन डे को लेकर सरकारी रुख अब भी सख्त बना हुआ है। दुकानदार चोरी-छिपे गुलाब बेचते हैं, लेकिन पकड़े जाने पर भारी जुर्माने का खतरा रहता है।

मलेशिया: युवाओं को 'भटकाने' वाला त्योहार

मलेशिया की 60% आबादी मुस्लिम है, और यहाँ वैलेंटाइन डे को युवाओं के नैतिक पतन का कारण माना जाता है। 2005 में मलेशियाई इस्लामिक काउंसिल ने एक फतवा जारी कर इस दिन को "गैर-इस्लामिक" घोषित किया। सरकारी अभियानों के तहत, होटलों में युवा जोड़ों की तलाशी ली जाती है और वैलेंटाइन थीम वाले उत्पादों की बिक्री पर नकेल कसी जाती है। 2011 में तो पुलिस ने 80 से अधिक युवाओं को होटलों से गिरफ्तार भी किया था। फिर भी, कुछ शहरों में युवा चुपके से इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से प्यार जताने का साहस कोई नहीं जुटा पाता।

पाकिस्तान: प्रेम की परिभाषा पर सियासी बहस

पाकिस्तान में 2018 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने वैलेंटाइन डे को "पश्चिमी सांस्कृतिक घुसपैठ" बताते हुए सार्वजनिक उत्सवों पर प्रतिबंध लगा दिया। कोर्ट का कहना था कि यह त्योहार इस्लामी शिक्षाओं के विरुद्ध है और समाज में अश्लीलता को बढ़ावा देता है। हालाँकि, यह फैसला सभी को रास नहीं आया। फूल विक्रेता और युवा छात्र इस बैन के खिलाफ हैं, लेकिन सरकारी दबाव के चलते रेस्तराँ और शॉपिंग मॉल्स में वैलेंटाइन डे की रौनक गायब हो गई है। कुछ शहरों में तो पुलिस युवा जोड़ों को पार्कों में घूमते देखकर उन्हें डाँट-डपटकर भगा देती है।

ईरान: प्यार के नाम पर सजा का डर

ईरान में वैलेंटाइन डे को "सांस्कृतिक युद्ध" का हिस्सा माना जाता है। 2010 में सरकार ने हार्ट-शेप्ड गिफ्ट्स, लाल गुलाब और प्रेम पत्रों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी। 2021 में क़ोम शहर के प्रॉसिक्यूटर कार्यालय ने चेतावनी दी कि वैलेंटाइन डे से जुड़े प्रतीकों को बेचने या प्रचारित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मगर, तकनीक और सोशल मीडिया के जरिए ईरानी युवा चुपके से इस दिन को मनाते हैं। रेस्तराँ चोरी-छिपे कैंडललाइट डिनर की व्यवस्था करते हैं, लेकिन पकड़े जाने पर उन पर भारी जुर्माना लगाया जाता है।

उज्बेकिस्तान: इतिहास के नाम पर प्रतिबंध

उज्बेकिस्तान में 2012 में वैलेंटाइन डे पर अचानक रोक लगा दी गई। सरकार का कहना था कि 14 फरवरी को मुगल सम्राट बाबर का जन्मदिन होता है, इसलिए यह दिन उन्हें समर्पित होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में वैलेंटाइन डे मनाने वाले छात्रों को सज़ा दी जाती है, और दुकानदारों को लाल सामान बेचने से रोका जाता है। हालाँकि, कई युवा इसे "प्यार दिवस" के बजाय "दोस्ती दिवस" के रूप में मनाने का रास्ता निकालते हैं।

इंडोनेशिया: कट्टरता और युवाओं का संघर्ष

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, लेकिन यहाँ वैलेंटाइन डे को लेकर राय बँटी हुई है। बांडा आचे और सुराबाया जैसे शहरों में कट्टरपंथी समूहों ने इस दिन के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। 2017 में स्कूली बच्चों ने "वैलेंटाइन डे से ना कहो" के नारे लगाते हुए रैलियाँ निकालीं। वहीं, जकार्ता जैसे महानगरों में युवा जोड़े फिल्मों और कैफे में मस्ती करते नज़र आते हैं। सरकार ने आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन दबाव इतना है कि लोग सावधानी से ही उत्सव मनाते हैं।