योग गुरु के '1000 वर्जिन गर्ल्स' वाले भयावह रहस्य का खुलासा, हुआ सेक्स रैकेट का खुलासा

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. International

योग गुरु के '1000 वर्जिन गर्ल्स' वाले भयावह रहस्य का खुलासा, हुआ सेक्स रैकेट का खुलासा

sex racket

Photo Credit: UPUKLive


एक महिला की दर्दनाक कहानी ने योग और आध्यात्म के क्षेत्र में छिपे अंधेरे को उजागर कर दिया है। यूरोप के कई देशों में फैले एक योग संप्रदाय के नेता ग्रेगोरियन बिवोलारू पर आरोप लगा है कि उसने तंत्र योग और आत्मिक उन्नति के बहाने सैकड़ों महिलाओं का यौन शोषण किया। फ्रांसीसी पुलिस ने हाल ही में इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 71 वर्षीय बिवोलारू समेत 40 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान 26 महिलाओं को बंदी बनाए जाने से भी मुक्त कराया गया, जो तंग और गंदे कमरों में रखी गई थीं।

गुरु की छवि के पीछे छिपा अपराधी चेहरा

बिवोलारू, जिसे अपने अनुयायी "ग्रिग" कहकर पुकारते थे, रोमानिया का रहने वाला है। 1990 के दशक में उसने "मूवमेंट फॉर स्पिरिचुअल इंटीग्रेशन इन्टू द एब्सोल्यूट" (MISA) नामक संगठन बनाया, जो बाद में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर "अटमन योगा फेडरेशन" के नाम से फैल गया। इस संगठन ने तंत्र योग के नाम पर महिलाओं को मानसिक रूप से नियंत्रित कर उनसे यौन संबंध बनाने और अश्लील वीडियो बनाने के लिए मजबूर किया। पुलिस को उसके घर से नकली पहचान पत्र, अश्लील सामग्री और 2 लाख यूरो नकद भी बरामद हुए।

पीड़िता की आवाज: "मुझे समझाया गया कि यही है आध्यात्मिक उन्नति"

एक पीड़िता, जिसने अपनी पहचान छिपाए रखने की शर्त पर बात की, ने बताया कि कैसे उसे 2017 में लंदन के तारा योग सेंटर में शामिल होने के बाद इस जाल में फंसाया गया। "पहले योग की बात होती थी, फिर धीरे-धीरे सेक्स को आध्यात्मिक प्रक्रिया बताया जाने लगा। मुझे विश्वास दिलाया गया कि गुरु के साथ शारीरिक संबंध बनाना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है।" उसने बताया कि उन्हें प्राग के पास एक विला में ले जाकर वेबकैम सेक्स के लिए मजबूर किया गया और पेरिस में बिवोलारू के साथ यौन संस्कार कराए गए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला था शिकंजा

यह गिरोह सिर्फ फ्रांस तक सीमित नहीं था। फिनलैंड, डेनमार्क, स्वीडन और ब्रिटेन में भी इसके अड्डे थे। 2017 में फिनलैंड की पुलिस ने बिवोलारू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी किया था। डेनमार्क के एक योग केंद्र से जुड़ी महिला ने बताया कि उन्हें "काला सागर में जहाज पर अश्लील वीडियो शूट करने के लिए बाध्य किया गया।" फ्रांस में तो इस गिरोह ने कोविड महामारी के दौरान भी अनुयायियों को वैक्सीन लेने से रोका और प्राकृतिक चिकित्सा के नाम पर उनका शोषण जारी रखा।

पुलिस कार्रवाई और गिरोह की हकीकत

फ्रांसीसी पुलिस ने 175 अधिकारियों की टीम के साथ पेरिस और दक्षिणी फ्रांस में छापेमारी कर इस नेटवर्क को ध्वस्त किया। जांच में पता चला कि संगठन महिलाओं को दो श्रेणियों में बांटता था - कुछ को गुरु की "व्यक्तिगत सेवा" के लिए चुना जाता था, जबकि अन्य से अश्लील वीडियो बनवाकर पैसा कमाया जाता था। एक जांच अधिकारी के अनुसार, "यह संगठन माफिया की तरह काम करता था, जहां आध्यात्मिकता के नाम पर वेश्यावृत्ति चलाई जाती थी।"

न्याय की लंबी प्रतीक्षा

बिवोलारू पर ये पहले आरोप नहीं हैं। 2004 में वह रोमानिया से भागकर स्वीडन चला गया था, जहाँ उसे राजनीतिक शरण मिली। 2013 में रोमानियाई अदालत ने उसे एक नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाने के आरोप में छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन वह फरार हो गया। 2016 में फ्रांस से उसे रोमानिया भेजा गया, मगर 2017 में जमानत पर छूटते ही वह फिर से गायब हो गया। अब फ्रांसीसी अदालत उस पर मानव तस्करी, बलात्कार और संगठित अपराध के मामलों में कार्रवाई कर रही है।