रात की नींद छीन लेता है एसिड रिफ्लक्स, नजरअंदाज किया तो बनेगा अल्सर!

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत को लेकर लापरवाही आम बात हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी परेशानी, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, धीरे-धीरे बड़ी मुसीबत बन सकती है? जी हां, हम बात कर रहे हैं एसिड रिफ्लक्स की। यह ऐसी समस्या है जो न सिर्फ रात की नींद हराम कर देती है, बल्कि सुबह के चैन को भी छीन लेती है। अगर इसके लक्षणों को हल्के में लिया जाए, तो यह अल्सर जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है। आइए, इस परेशानी को थोड़ा करीब से समझते हैं।
क्या है एसिड रिफ्लक्स की परेशानी
एसिड रिफ्लक्स एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट का एसिड गलत दिशा में ऊपर की ओर बढ़ता है और गले तक पहुंच जाता है। इसे आम भाषा में 'खट्टी डकार' भी कहते हैं। खाना खाने के बाद सीने में जलन, गले में खराश या मुंह में कड़वाहट महसूस होना इसके शुरुआती संकेत हैं। कई बार यह परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि रात को सोना मुश्किल हो जाता है। पेट में मौजूद यह तेजाब जब बार-बार ऊपर आता है, तो यह न सिर्फ तकलीफ देता है, बल्कि शरीर के दूसरे हिस्सों को भी नुकसान पहुंचाने लगता है।
रात को क्यों बिगड़ जाती है हालत
आपने गौर किया होगा कि एसिड रिफ्लक्स की शिकायत रात के वक्त ज्यादा सताती है। इसका कारण है हमारी सोने की आदत और खाने का समय। रात को देर से खाना खाकर तुरंत बिस्तर पर लेट जाना इस समस्या को बढ़ावा देता है। जब हम लेटते हैं, तो पेट का एसिड आसानी से ऊपर की ओर बढ़ जाता है। इससे नींद में खलल पड़ता है और सुबह उठते ही थकान महसूस होती है। कई लोगों को लगता है कि यह आम बात है, लेकिन अगर यह रोज की परेशानी बन जाए, तो इसे हल्के में लेना ठीक नहीं।
लक्षणों को नजरअंदाज करने का नतीजा
एसिड रिफ्लक्स के लक्षण अगर शुरू में ही समझ लिए जाएं, तो इसे काबू करना आसान होता है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे मामूली जलन समझकर अनदेखा कर देते हैं। सीने में हल्की जलन, पेट में भारीपन या बार-बार डकार आना इसके संकेत हैं। अगर इन संकेतों को गंभीरता से न लिया जाए, तो यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। समय के साथ यह पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है और अल्सर जैसी बीमारी को जन्म दे सकता है। अल्सर होने पर दर्द और परेशानी कई गुना बढ़ जाती है।
कैसे बन जाता है अल्सर
जब एसिड रिफ्लक्स लंबे समय तक बना रहता है, तो पेट और खाने की नली की भीतरी परत कमजोर पड़ने लगती है। यह परत हमारी रक्षा करती है, लेकिन बार-बार एसिड के संपर्क में आने से इसमें छेद या घाव बनने लगते हैं। यही घाव आगे चलकर अल्सर कहलाते हैं। अल्सर होने पर खाना खाने में तकलीफ, तेज दर्द और कभी-कभी उल्टी जैसी शिकायतें शुरू हो जाती हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि इलाज के लिए डॉक्टर की मदद लेनी पड़े। इसलिए शुरू से ही सावधानी बरतना जरूरी है।
छोटे बदलाव ला सकते हैं राहत
एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में कुछ आसान बदलाव काफी मदद कर सकते हैं। रात का खाना हल्का और समय पर खाएं, ताकि पेट को आराम मिले। खाने के बाद तुरंत लेटने की बजाय थोड़ा टहल लें। मसालेदार, तला हुआ या ज्यादा चटपटा खाना कम करें। इसके अलावा, सोते वक्त सिर को थोड़ा ऊंचा रखें, ताकि एसिड ऊपर न आए। पानी खूब पिएं और तनाव से दूर रहें, क्योंकि तनाव भी इस समस्या को बढ़ाता है। ये छोटी-छोटी बातें आपकी सेहत को बचा सकती हैं।
अनदेखी न करें, समय पर करें इलाज
एसिड रिफ्लक्स को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। अगर आपको लगातार सीने में जलन, गले में खट्टापन या पेट में असहजता महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते डॉक्टर से सलाह लें और अपनी सेहत का ख्याल रखें। यह छोटी सी सावधानी आपको बड़ी बीमारी से बचा सकती है। याद रखें, नींद और सुकून जिंदगी के अनमोल तोहफे हैं, इन्हें एक मामूली परेशानी की वजह से खोने न दें।