होली में चिकन खाने की है आदत? ये गलती पड़ सकती है भारी, ये खबर पढ़कर चौंक जाएंगे!

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होली में चिकन खाने की है आदत? ये गलती पड़ सकती है भारी, ये खबर पढ़कर चौंक जाएंगे!

Chicken

Photo Credit: UPUKLive


होली का त्योहार रंगों, खुशियों और स्वादिष्ट खाने का मौका लेकर आता है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाइयाँ, नमकीन और तरह-तरह के पकवान खाते हैं। भारत में होली को हर जगह अपने खास अंदाज में मनाया जाता है, और खाने की थाली में भी हर घर की अपनी पसंद होती है। लेकिन इन दिनों एक खबर ने लोगों का ध्यान खींचा है, जिसमें होली के मौके पर चिकन खाने वालों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है। यह सुनकर चिकन प्रेमियों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनके पसंदीदा खाने में क्या परेशानी हो सकती है। यह खबर न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि सेहत को लेकर भी सोचने पर मजबूर करती है।

चिकन और होली का मेल

होली जैसे त्योहार पर लोग खाने-पीने में खूब आजादी लेते हैं। कई घरों में इस दिन मांसाहारी खाना भी बनाया जाता है, जिसमें चिकन सबसे पसंदीदा होता है। चिकन करी, तंदूरी चिकन या चिकन बिरयानी जैसे व्यंजन कई लोगों की थाली का हिस्सा बनते हैं। यह स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ बनाने में भी आसान होता है। लेकिन अब कुछ जानकारों का कहना है कि होली के दौरान चिकन खाना सेहत के लिए ठीक नहीं हो सकता। यह बात सुनकर चिकन खाने वाले हैरान हैं, क्योंकि वे समझ नहीं पा रहे कि उनका यह शौक इस खास दिन पर क्यों जोखिम भरा हो सकता है।

सेहत पर असर की चिंता

होली में चिकन खाने को लेकर जो सावधानी बरतने की बात हो रही है, उसके पीछे सेहत से जुड़ी कुछ वजहें हैं। त्योहार के दिनों में बाजार में चिकन की माँग बहुत बढ़ जाती है। इस भीड़भाड़ के बीच कई बार चिकन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता। दुकानदार जल्दबाजी में पुराना या खराब चिकन बेच सकते हैं, जो खाने से पेट की परेशानी पैदा कर सकता है। उल्टी, दस्त या फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जो होली की खुशियों को फीका कर दें। इसके अलावा, होली के मौसम में गर्मी शुरू हो जाती है, और गर्म मौसम में मांसाहारी खाना जल्दी खराब हो सकता है। इसीलिए जानकार चिकन खाने वालों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

पाचन की परेशानी

होली के दिन लोग खाने-पीने में बहुत कुछ आजमाते हैं। मिठाइयाँ, ठंडाई और तले हुए पकवान इस दिन की शान होते हैं। अगर इसके साथ चिकन जैसे भारी खाने को भी शामिल कर लिया जाए, तो पेट पर बोझ बढ़ सकता है। चिकन को पचाना आसान नहीं होता, खासकर तब जब इसे मसालों और तेल के साथ बनाया जाए। अगर आप इसे ज्यादा मात्रा में खाते हैं, तो पेट में भारीपन, गैस या जलन की शिकायत हो सकती है। आयुर्वेद में भी कहा जाता है कि होली जैसे मौसम में हल्का और सुपाच्य खाना बेहतर होता है। इसीलिए चिकन खाने से पहले यह सोचना जरूरी है कि क्या आपका पेट इसे सह पाएगा।

मौसम का प्रभाव

होली का त्योहार मार्च में आता है, जब सर्दी खत्म होकर गर्मी की शुरुआत होती है। इस बदलते मौसम में शरीर को हल्का और ठंडा खाना ज्यादा अच्छा लगता है। चिकन जैसे मांसाहारी खाने की तासीर गर्म होती है, जो इस मौसम में शरीर को गर्मी दे सकती है। इससे पसीना, बेचैनी या थकान जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। इसके अलावा, गर्मी में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं, और अगर चिकन को सही तरीके से स्टोर या पकाया न जाए, तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में चिकन खाने से पहले उसकी ताजगी और साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।

साफ-सफाई का सवाल

होली के दिन चिकन खाने में साफ-सफाई भी एक बड़ी चिंता का कारण है। इस त्योहार पर लोग रंग खेलने में इतने मस्त रहते हैं कि खाने की तैयारी में ध्यान कम देते हैं। हाथों पर रंग लगे होने की वजह से चिकन को सही तरह से साफ करना मुश्किल हो सकता है। अगर चिकन को अच्छे से न धोया जाए या कच्चा रह जाए, तो उसमें बैक्टीरिया रह सकते हैं, जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। बाजार से लाया गया चिकन भी कई बार सही तरीके से रखा नहीं जाता, जिससे उसकी गुणवत्ता खराब हो सकती है। इसीलिए चिकन खाने से पहले उसकी साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना जरूरी है।

शाकाहारी विकल्प का विचार

होली में चिकन से होने वाली परेशानियों को देखते हुए कुछ लोग शाकाहारी खाने की सलाह दे रहे हैं। इस दिन पनीर, दाल, सब्जियाँ और चावल जैसे हल्के पकवान बनाए जा सकते हैं, जो स्वाद में अच्छे होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। शाकाहारी खाना आसानी से पच जाता है और गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक देता है। होली की ठंडाई के साथ शाकाहारी पकवान खाने से त्योहार का मजा दोगुना हो सकता है। अगर आप चिकन के बिना होली अधूरी मानते हैं, तो कम से कम इसकी मात्रा कम रखें और इसे सही तरीके से पकाएँ।

बच्चों और बूढ़ों के लिए सावधानी

होली में चिकन खाने का शौक बच्चों और बूढ़ों को भी हो सकता है, लेकिन उनके लिए यह और जोखिम भरा हो सकता है। बच्चों का पेट नाजुक होता है, और चिकन जैसे भारी खाने से उन्हें परेशानी हो सकती है। बूढ़ों का पाचन तंत्र भी कमजोर होता है, जिससे चिकन उनके लिए भारी पड़ सकता है। इसीलिए बच्चों और बूढ़ों को चिकन खिलाने से पहले उनकी सेहत का ध्यान रखें। अगर देना ही है, तो बहुत कम मात्रा में और हल्के मसालों के साथ बनाया हुआ चिकन दें। उनकी खुशी के साथ उनकी सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है।

सही तरीके से खाएँ

अगर आप होली में चिकन खाना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियाँ बरतकर इसे सुरक्षित बना सकते हैं। सबसे पहले ताजा चिकन लें और उसे अच्छे से धोकर साफ करें। इसे ज्यादा तेल या मसालों के साथ न बनाएँ, बल्कि हल्का और सुपाच्य रखें। चिकन को पूरी तरह पकाएँ, ताकि उसमें कोई बैक्टीरिया न रह जाए। इसे दोपहर के खाने में खाएँ, क्योंकि इस वक्त पाचन मजबूत होता है। रात में चिकन खाने से बचें, ताकि पेट पर बोझ न पड़े। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप होली का मजा भी ले सकते हैं और सेहत को भी नुकसान से बचा सकते हैं।

अपनी सेहत का ध्यान

होली का त्योहार खुशियाँ मनाने का मौका है, और इसमें खाना-पीना बहुत अहम हिस्सा है। लेकिन चिकन खाने का शौक अपनी सेहत से बढ़कर नहीं होना चाहिए। अगर आपको चिकन खाने के बाद कोई परेशानी होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह लें। हर किसी का शरीर अलग होता है, और जो एक के लिए ठीक है, वह दूसरे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसीलिए अपनी जरूरत और सेहत को समझकर ही चिकन खाएँ। होली के रंगों का मजा तभी आएगा, जब आप स्वस्थ और खुश रहेंगे।