क्या हस्तमैथुन से आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है? विशेषज्ञों की राय

कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) करने से उनकी आंखों की रोशनी कम हो सकती है। यह धारणा वर्षों से समाज में फैली हुई है, खासकर युवाओं के बीच, जहां इस विषय पर खुलकर बात नहीं की जाती। लेकिन क्या इस बात में कोई वैज्ञानिक सत्य है, या यह केवल एक मिथक है? आइए, विशेषज्ञों की राय और नवीनतम शोध के आधार पर इस विषय को समझते हैं।
हस्तमैथुन और आंखों की रोशनी: मिथक की शुरुआत
यह धारणा पुराने समय से चली आ रही है, जब यौन स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर वैज्ञानिक जानकारी का अभाव था। कुछ लोग मानते थे कि हस्तमैथुन से शरीर की ऊर्जा कम होती है, जो आंखों की रोशनी को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इस दावे का समर्थन नहीं करता। दिल्ली के एक प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. अजय शर्मा, कहते हैं, “हस्तमैथुन और आंखों की रोशनी के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। यह एक मिथक है, जो गलत सूचनाओं के कारण फैला।”
वैज्ञानिक तथ्य क्या कहते हैं?
हस्तमैथुन एक सामान्य और प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, जो मानव शरीर के लिए हानिकारक नहीं है, बशर्ते यह संतुलित तरीके से हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के अनुसार, हस्तमैथुन से तनाव कम होता है, नींद में सुधार होता है, और यह यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। लेकिन आंखों की रोशनी पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। विशेषज्ञों का कहना है कि आंखों की रोशनी कम होने के पीछे अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग, पोषण की कमी, या अनुवांशिक समस्याएं।
आंखों की रोशनी कम होने के असली कारण
नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों की रोशनी प्रभावित होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
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अधिक स्क्रीन टाइम: मोबाइल, लैपटॉप, या टीवी स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने से डिजिटल आई स्ट्रेन हो सकता है।
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पोषण की कमी: विटामिन A, C, और E की कमी आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
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अनुवांशिक कारण: कुछ लोगों में कमजोर दृष्टि परिवार में चली आ रही होती है।
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पर्यावरणीय कारक: धूल, प्रदूषण, और यूवी किरणें भी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मिथकों से कैसे बचें?
यौन स्वास्थ्य और आंखों की देखभाल जैसे विषयों पर सही जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किसी भी स्वास्थ्य संबंधी मिथक पर विश्वास करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लें। इसके अलावा, आंखों की नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। डॉ. शर्मा कहते हैं, “युवाओं को चाहिए कि वे मिथकों के बजाय वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करें और अपनी आंखों की देखभाल के लिए नियमित जांच करवाएं।”
आंखों की देखभाल के लिए टिप्स
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं। हर 20 मिनट स्क्रीन देखने के बाद 20 सेकंड के लिए दूर देखें। हरी पत्तेदार सब्जियां और विटामिन A से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे गाजर और पालक खाएं। धूप में निकलते समय सनग्लासेज का उपयोग करें और नियमित रूप से नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं।