गधी के दूध का पनीर: कीमत सुनकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी!

क्या आपने कभी सोचा कि पनीर की कीमत सोने से भी ज्यादा हो सकती है? जी हां, हम बात कर रहे हैं गधी के दूध से बने उस खास पनीर की, जो दुनिया में सबसे महंगा माना जाता है। आमतौर पर हम गाय या भैंस के दूध से बना पनीर खाते हैं, जो बाजार में 300 से 600 रुपये किलो तक मिल जाता है। लेकिन गधी के दूध का ये पनीर इतना महंगा है कि इसकी कीमत सुनते ही गला सूखने लगे। तो आखिर क्या है इसकी खासियत और क्यों है ये इतना कीमती? चलिए, इस अनोखे पनीर की कहानी को करीब से जानते हैं।
दुनिया का सबसे महंगा पनीर कहां से आता है?
ये अनोखा पनीर यूरोप के देश सर्बिया में बनाया जाता है। वहां के जैसाविका नामक एक फॉर्म हाउस में बाल्कन नस्ल की गधियों के दूध से इसे तैयार किया जाता है। इस फॉर्म में 200 से ज्यादा गधियां पाली जाती हैं, और हर एक से बेहद कम दूध मिलता है। जहां एक गाय दिन में 30 लीटर तक दूध दे सकती है, वहीं एक गधी से मुश्किल से 1 लीटर दूध निकलता है। यही वजह है कि 1 किलो पनीर बनाने के लिए 25 लीटर दूध चाहिए, जो इसे बेहद दुर्लभ और कीमती बनाता है। इसकी कीमत 70,000 से 1 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है।
स्वाद और सेहत का अनोखा संगम
इस पनीर की महंगाई का राज सिर्फ इसकी कमी नहीं, बल्कि इसके गुण भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गधी का दूध मां के दूध के गुणों से मिलता-जुलता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन और कई पोषक तत्व भरे होते हैं। अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस जैसी सांस की बीमारियों में ये फायदेमंद माना जाता है। साथ ही, जिन्हें गाय या भैंस के दूध से एलर्जी है, उनके लिए ये एक बेहतरीन विकल्प है। इसका स्वाद भी लाजवाब होता है—हल्का नमकीन और मलाईदार, जो इसे और खास बनाता है। सर्बिया के इस पनीर को ‘प्यूल चीज़’ कहते हैं, और ये अपनी कीमत के साथ-साथ स्वाद के लिए भी मशहूर है।
क्यों पड़ता है इतना महंगा?
इस पनीर को बनाने की प्रक्रिया भी आसान नहीं है। गधी के दूध में कैसीन की मात्रा कम होती है, जो पनीर को जमाने के लिए जरूरी होता है। इसे सही रूप देने के लिए इसमें बकरी के दूध की थोड़ी मात्रा मिलाई जाती है। फिर इसे खास तरीके से प्रोसेस किया जाता है। कम उत्पादन, मेहनत और इसकी भारी मांग की वजह से इसकी कीमत आसमान छूती है। 2012 में टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच के इसके इस्तेमाल की खबरों ने इसे और चर्चित बना दिया, हालांकि बाद में उन्होंने इसका खंडन किया था। फिर भी, ये पनीर आज भी दुनिया भर में अपनी खास पहचान रखता है।