स्तनपान के पहले स्तनों को साफ करना ज़रूरी है या नहीं? जानिये डॉक्टरी सलाह
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नई दिल्ली : नवजात शिशु को पोषण देने के लिए पहला कदम ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान होता है। मां के दूध में नवजात के विकास के लिए जरूरी सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चे की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के साथ उसका मौसमी संक्रमण से भी बचाव करते हैं।
ब्रेस्ट फीडिंग बच्चे के विकास के लिए ही नहीं बल्कि मां की सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। मां और बच्चे के लिए ब्रेस्टफीड के ये फायदे दखते हुए कुछ महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अपने स्तनों की हाइजीन बनाए रखने के लिए उन्हें पानी या अन्य चीजों से साफ करने लगती हैं।
लेकिन क्या आप जानती हैं, आपका ऐसा करना आपके स्तन और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चों की डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके इस विषय पर नई माओं को जानकारी दी है।
गर्भावस्था के दौरान महिला के निप्पल में होते हैं कई बदलाव
डॉक्टर बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान, महिला के निप्पल का एरिओला कॉम्प्लेक्स में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से महिला के निप्पल और एरोला का आकार थोड़ा बड़ा हो जाता है। इसके अलावा एरोला के ऊपर छोटे-छोटे दाने भी आ जाते हैं।
दरअसल यह एक तरह की नेचुरल ग्रंथियां होती हैं, जिनसे एंटीबैक्टीरियल ऑयल निकलता है। जिसकी वजह से मां के निप्पल के आसपास गंदा बैक्टीरिया ग्रो ही नहीं करता है। इसके अलावा ब्रेस्टफीड के दौरान यह महिला के स्तनों को लुब्रिकेटेड रखता है, जिसकी वजह से महिला के निप्पल कटने और छिलने से बचे रहते हैं।
मां और बच्चे की बॉडिंग बनती है स्ट्रॉग
नवजात को जन्म के समय मां का दूध पीना नहीं आता है। ऐसे में बच्चा होने के बाद मां के स्तन से फेरोमोन नाम का केमिकल रिलीज होता है, जो बच्चे को मां की कोख की याद दिलाते हैं, जिसे बच्चा मां से चिपककर रहना चाहता है। जो बच्चे को निप्पल से दूध पीने में मदद कर करता है। जिससे मां और बच्चे की बॉडिंग अच्छे से हो पाती है।
निप्पल को पानी से धोने से क्यों बचना चाहिए
मां को ब्रेस्ट हाइजीन बनाए रखने के लिए अपने निप्पल को पानी से धोना, कॉटन से साफ करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से वहां मौजूद प्राकृतिक तेल हटने की वजह से ब्रेस्ट में ड्राईनेस, जलन और इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा मां की बॉडी में चिपके हुए गुड बैक्टीरिया भी हट जाते हैं, जो बच्चे की इम्यूनिटी को अच्छा बनाए रखने में मदद करते हैं।
ब्रेस्ट हाइजीन के लिए क्या करें
ब्रेस्ट हाइजीन बनाए रखने के लिए निप्पल और एरोला को पानी, साबुन या सैनिटाइजर से धोने से बचें। ऐसा करने से प्राकृतिक तेल हटने की वजह से ब्रेस्ट में ड्राईनेस, जलन और इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है। स्तन की स्वच्छता बनाए रखने के लिए रोजाना नहाएं, स्तनों पर पानी बहने दें, लेकिन निप्पल-एरिओला को रगड़ने से बचें।
मां को ब्रेस्ट हाइजीन बनाए रखने के लिए बस 24 से 28 डिग्री के एक कंफर्टेबल तापमान में रहना चाहिए। जिसमें उसे जरूरत से ज्यादा पसीना ना आए।