क्या आपका पीरियड पैड ग्रह को बर्बाद कर रहा है? ये है सबसे हरा-भरा रास्ता!

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क्या आपका पीरियड पैड ग्रह को बर्बाद कर रहा है? ये है सबसे हरा-भरा रास्ता!

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Photo Credit: UPUKLive AI


मासिक धर्म हर महीने करोड़ों महिलाओं की जिंदगी का एक हिस्सा है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पाद हमारे पर्यावरण पर गहरा असर डालते हैं। बाजार में आज कई तरह के मासिक धर्म उत्पाद उपलब्ध हैं, जैसे डिस्पोजेबल पैड्स, टैम्पोन, पीरियड पैंट्स और मेंस्ट्रुअल कप। इनमें से हर उत्पाद का अपना फायदा और नुकसान है, लेकिन सवाल यह है कि पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा विकल्प कौन सा है? हर साल अरबों डिस्पोजेबल पैड्स और टैम्पोन कचरे के ढेर में पहुंचते हैं, जो प्लास्टिक से भरे होते हैं और सैकड़ों सालों तक नष्ट नहीं होते। दूसरी ओर, कुछ नए और दोबारा इस्तेमाल होने वाले उत्पाद इस समस्या को कम करने का दावा करते हैं। आइए, इन विकल्पों को समझें और जानें कि कौन सा हमारे ग्रह के लिए सबसे सही है।

डिस्पोजेबल पैड्स का असर

डिस्पोजेबल पैड्स दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला मासिक धर्म उत्पाद हैं। ये सुविधाजनक हैं और आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन इनका पर्यावरण पर बोझ बहुत भारी है। एक आम पैड में करीब 90 प्रतिशत प्लास्टिक होता है, जो इसे बनाने से लेकर कचरे में फेंके जाने तक बहुत नुकसान पहुंचाता है। हर साल अकेले यूरोप में 49 अरब और अमेरिका में 20 अरब डिस्पोजेबल मासिक धर्म उत्पाद इस्तेमाल होते हैं। ये कचरे के ढेर में पहुंचकर 500 से 800 साल तक नष्ट नहीं होते। इसके अलावा, इन्हें बनाने में पेट्रोलियम से बने प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है, जिससे ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं। पानी और जंगल जैसे प्राकृतिक संसाधनों का भी भारी दोहन होता है। कई बार ये पैड्स समुद्र और नदियों में बह जाते हैं, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है। यह सब देखकर साफ है कि डिस्पोजेबल पैड्स सुविधा तो देते हैं, लेकिन पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदायक हैं।

टैम्पोन की कहानी

टैम्पोन भी डिस्पोजेबल पैड्स की तरह ही लोकप्रिय हैं, खासकर उन महिलाओं में जो हल्के और आसान विकल्प चाहती हैं। लेकिन इनका पर्यावरण पर असर भी कम नहीं है। टैम्पोन में कॉटन और प्लास्टिक दोनों का इस्तेमाल होता है। कॉटन उगाने में ढेर सारा पानी लगता है और कीटनाशकों का प्रयोग होता है, जो मिट्टी और पानी को प्रदूषित करता है। इसके अलावा, टैम्पोन के साथ आने वाले प्लास्टिक एप्लीकेटर कचरे को और बढ़ाते हैं। हर साल अरबों टैम्पोन कचरे में फेंके जाते हैं, जो नदियों और समुद्रों में पहुंचकर जानवरों के लिए खतरा बनते हैं। इन्हें बनाने में भी ऊर्जा और संसाधनों की खपत होती है। हालांकि टैम्पोन पैड्स से थोड़े कम प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं, फिर भी ये पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। इनका इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को इस बात का अंदाजा कम ही होता है कि उनकी सुविधा ग्रह को कितना नुकसान पहुंचा रही है।

पीरियड पैंट्स का विकल्प

पीरियड पैंट्स एक नया और दोबारा इस्तेमाल होने वाला विकल्प हैं, जो पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। ये खास तरह की अंडरवेयर होती हैं, जिनमें कई परतें होती हैं जो मासिक धर्म के रक्त को सोख लेती हैं। इन्हें पहनने के बाद धोया जा सकता है और फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। पर्यावरण की नजर से देखें तो पीरियड पैंट्स डिस्पोजेबल पैड्स और टैम्पोन से कहीं बेहतर हैं। ये कचरा कम करते हैं, क्योंकि इन्हें बार-बार फेंकने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन इनका भी अपना असर है। इन्हें बनाने में कपड़ा और ऊर्जा लगती है, और हर बार धोने में पानी और बिजली खर्च होती है। अगर इन्हें ठंडे पानी में और भरी मशीन में धोया जाए, तो यह असर कम हो सकता है। पीरियड पैंट्स एक अच्छा कदम हैं, लेकिन इन्हें पूरी तरह पर्यावरण के लिए सबसे सही कहना मुश्किल है। फिर भी, ये कचरे के ढेर को कम करने में बड़ी मदद करते हैं।

मेंस्ट्रुअल कप की खासियत

मेंस्ट्रुअल कप को पर्यावरण का सबसे अच्छा दोस्त कहा जा सकता है। यह एक छोटा सा कप होता है, जो सिलिकॉन या रबर से बनता है। इसे शरीर के अंदर डाला जाता है, जहां यह मासिक धर्म के रक्त को इकट्ठा करता है। एक कप को 10 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि एक महिला को अपने पूरे जीवन में सिर्फ चार-पांच कप चाहिए होंगे, जबकि डिस्पोजेबल पैड्स और टैम्पोन की संख्या हजारों में होती है। मेंस्ट्रुअल कप का पर्यावरण पर असर बहुत कम है। इसे बनाने में थोड़ी ऊर्जा लगती है, और इसे हर महीने धोने और उबालने में भी ज्यादा संसाधन खर्च नहीं होते। कई अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि यह पैड्स, टैम्पोन और पीरियड पैंट्स से कहीं ज्यादा बेहतर है। यह कचरा नहीं बढ़ाता और प्लास्टिक प्रदूषण को रोकता है। बस इसे सही तरीके से साफ करना जरूरी है, ताकि यह लंबे समय तक चल सके।

दोबारा इस्तेमाल होने वाले पैड्स

दोबारा इस्तेमाल होने वाले पैड्स भी एक बढ़िया विकल्प हैं। ये कपड़े से बने होते हैं और इन्हें धोकर फिर से पहना जा सकता है। ये डिस्पोजेबल पैड्स की तरह कचरा नहीं बढ़ाते और पर्यावरण को नुकसान कम पहुंचाते हैं। इन्हें बनाने में प्राकृतिक कपड़े जैसे कॉटन या बांस का इस्तेमाल होता है। लेकिन इन्हें धोने में पानी और बिजली लगती है, जो थोड़ा असर डालती है। अगर इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये भी पर्यावरण के लिए अच्छे हैं। इनका फायदा यह है कि ये सस्ते पड़ते हैं और लंबे समय तक चलते हैं। हालांकि, इन्हें हर बार धोना और सुखाना कुछ लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। फिर भी, यह डिस्पोजेबल पैड्स से बेहतर और टिकाऊ विकल्प है।

कौन सा है सबसे सही?

अब सवाल यह है कि इन सबमें से पर्यावरण के लिए सबसे अच्छा विकल्प कौन सा है? अध्ययनों के मुताबिक, मेंस्ट्रुअल कप सबसे आगे है। इसका असर डिस्पोजेबल पैड्स और टैम्पोन से 99 प्रतिशत तक कम है। इसके बाद पीरियड पैंट्स और दोबारा इस्तेमाल होने वाले पैड्स आते हैं, जो कचरे को बहुत कम करते हैं। डिस्पोजेबल पैड्स और टैम्पोन सबसे पीछे हैं, क्योंकि ये प्लास्टिक और कचरे का ढेर बढ़ाते हैं। लेकिन यह भी सच है कि हर विकल्प हर किसी के लिए सही नहीं हो सकता। मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल करने में थोड़ा समय लगता है, और पीरियड पैंट्स या रियूजेबल पैड्स को धोने की सुविधा हर जगह नहीं होती। फिर भी, अगर हम पर्यावरण की सोचें, तो मेंस्ट्रुअल कप सबसे सही है। यह न सिर्फ ग्रह को बचाता है, बल्कि पैसे भी बचाता है। छोटे बदलाव से हम अपनी धरती को हरा-भरा रख सकते हैं।