वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज: आयुर्वेद के इन चमत्कारी उपायों से पाएं स्वस्थ शरीर

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वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज: आयुर्वेद के इन चमत्कारी उपायों से पाएं स्वस्थ शरीर

Gain Weight

Photo Credit: Social Media


आज के समय में जहां एक तरफ मोटापे से परेशान लोग वजन घटाने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग अत्यधिक दुबलेपन से जूझ रहे हैं। अत्यधिक पतला होना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास भी प्रभावित होता है। दुबले-पतले लोगों का अक्सर समाज में मज़ाक उड़ाया जाता है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

आयुर्वेद के अनुसार, अत्यधिक दुबलापन वात दोष की अधिकता का परिणाम होता है। वात प्रकृति के लोग स्वभाव से ही पतले होते हैं और उन्हें वजन बढ़ाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके अलावा, खराब पाचन, अनियमित खान-पान, तनाव, अनिद्रा और कुछ बीमारियां भी दुबलेपन का कारण बन सकती हैं।

आयुर्वेद का दृष्टिकोण: संतुलित स्वास्थ्य

आयुर्वेद में शरीर के पोषण को 'संतर्पण' कहा जाता है, जबकि शरीर में कटौती को 'अपतर्पण' कहते हैं। वजन बढ़ाने की प्रक्रिया को 'बृंहण' कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, आठ प्रकार के व्यक्तियों की निंदा की जाती है, जिनमें अत्यधिक मोटे और अत्यधिक पतले व्यक्ति भी शामिल हैं।

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पतले व्यक्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे वे बार-बार बीमार पड़ते हैं। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए उन्हें अपना वजन बढ़ाना आवश्यक होता है। आयुर्वेद में वजन बढ़ाने के लिए पोषक आहार के साथ-साथ कुछ विशेष जड़ी-बूटियों का सेवन भी सुझाया गया है।

अश्वगंधा: शक्ति और ऊर्जा का स्रोत

अश्वगंधा आयुर्वेद की सबसे प्रभावशाली जड़ी-बूटियों में से एक है। इसका नाम इसकी जड़ों से आता है, जिनसे घोड़े जैसी गंध आती है। अश्वगंधा में एडाप्टोजेन तत्व होता है, जो तनाव और चिंता को दूर करता है। यह शरीर में ताकत और ऊर्जा लाने के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

वजन बढ़ाने के लिए रोजाना 3-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को दूध के साथ सुबह और रात को लेना फायदेमंद होता है। इससे भूख बढ़ती है और अन्न का पाचन अच्छा होता है, जिससे धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है। अश्वगंधा तनाव, ऊर्जा की कमी, आलस, भूख न लगना, अनिद्रा और थकान जैसे रोगों को दूर करने में भी लाभदायक है।

शतावरी: पोषण और शक्ति का भंडार

शतावरी की जड़ें उंगलियों जैसी दिखाई देती हैं और इनकी संख्या सौ या उससे अधिक होती है, इसलिए इसे शतावरी कहा जाता है। यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती है, लेकिन पुरुषों के लिए भी लाभकारी है। शतावरी शरीर का पाचन तंत्र मजबूत करती है और भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करती है।

कमजोरी, निर्बलता, धातु दुर्बलता और शारीरिक क्षीणता के लिए शतावरी बहुत गुणकारी होती है। यह मांसपेशियों का विकास करती है और भूख भी बढ़ाती है। वजन बढ़ाने के लिए रात को सोते समय दूध के साथ शतावरी चूर्ण लेना बहुत असरदार है। इससे शरीर में ताकत आती है और वजन स्वाभाविक रूप से बढ़ता है।

त्रिफला: पाचन और शुद्धिकरण का आधार

त्रिफला तीन फलों - आंवला, हरीतकी और बिभीतकी से बना एक आयुर्वेदिक मिश्रण है। इसे एक शक्तिशाली डिटॉक्सिफायर माना जाता है, जो शरीर को शुद्ध करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है। त्रिफला शरीर को ताकतवर बनाने और दुबलेपन से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।

त्रिफला का सेवन रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ किया जा सकता है। इससे पाचन क्रिया सुधरती है और शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। स्वस्थ पाचन तंत्र वजन बढ़ाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गोखरू: ताकत और स्टैमिना का विकास

गोखरू एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है। इससे शरीर की ताकत बढ़ती है और कमजोरी दूर होती है। गोखरू तनाव और अवसाद को कम करने में भी मदद करता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।

वजन बढ़ाने के लिए गोखरू का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है और वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। गोखरू का सेवन दूध के साथ करने से कुछ ही दिनों में वजन बढ़ने लगता है। यह शरीर में स्टैमिना और ऊर्जा का स्तर भी बढ़ाता है।

आंवला: पोषण और प्रतिरोधक क्षमता का आधार

आंवला आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग सदियों से किया जा रहा है। यह विटामिन सी का समृद्ध स्रोत है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। आंवला आयरन के अवशोषण में मदद करता है, हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है, और भूख, आंखों के स्वास्थ्य और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करता है।

वजन बढ़ाने के लिए आंवला का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है: एक चम्मच आंवला पाउडर को एक चम्मच घी के साथ मिलाकर सेवन करें और इसके 5 मिनट बाद गुनगुने पानी का सेवन करें। आप आंवला शॉट भी बना सकते हैं - इसके लिए 3 आंवले को चॉप करके पीस लें, फिर इसे छानकर रस निकाल लें और इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर हर सुबह सेवन करें।

आहार और जीवनशैली में बदलाव

वजन बढ़ाने के लिए केवल आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। इसके साथ-साथ आहार और जीवनशैली में भी कुछ बदलाव करने आवश्यक हैं। वजन बढ़ाने के लिए हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन डाइट लेना जरूरी है।

अपने आहार में बिना चोकर वाला आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंद, फुल क्रीम मिल्क, दही, पनीर, सूजी, गुड़, चॉकलेट शामिल करें। फलों में केला, आम, चीकू, लीची, खजूर जैसे फल खाएं। शहद, घी, मक्खन, दूध में शहद या चॉकलेट मिलाकर पिएं। इनसे शरीर को हाई कैलोरी मिलेगी और वजन बढ़ेगा।

इसके अलावा, नियमित व्यायाम और योग भी वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। व्यायाम से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का आकार सुडौल बनता है। पर्याप्त नींद लेना भी वजन बढ़ाने के लिए आवश्यक है, क्योंकि नींद के दौरान ही शरीर में मरम्मत और विकास की प्रक्रिया होती है।