बारिश के मौसम में बीमारियों से बचाव, ये आयुर्वेदिक नुस्खे हैं रामबाण

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बारिश के मौसम में बीमारियों से बचाव, ये आयुर्वेदिक नुस्खे हैं रामबाण

 Ayurvedic Herbs in Rainy Season

Photo Credit: upuklive


 नई दिल्ली : अगर आप इस मानसून का मजा बिना बीमार पड़े लेना चाहते हैं तो शुरूआत से ही इन आयुर्वेदिक हर्ब्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना लीजिए।

बारिश, मौसम को खुशनुमा बनाने के साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देती है। इस मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से लोगों में बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के साथ फूड पॉइजनिंग, डायरिया, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और स्किन एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। यही वजह है कि इस मौसम में सेहत को अच्छा बनाए रखने के लिए खान-पान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है।

ayurvedic home remedies to boost immunity

अगर आप इस मानसून का मजा बिना बीमार पड़े लेना चाहते हैं तो शुरूआत से ही इन आयुर्वेदिक हर्ब्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना लीजिए।

अदरक

अदरक एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे औषधीय गुणों से भरपूर होता है। बदलते मौसम में इसके नियमित सेवन से कई तरह की बीमारियां और संक्रमण व्यक्ति से दूर रहते हैं। गले की खराश और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए आप बारिश के दौरान अदरक वाली चाय पी सकते हैं।

गिलोय

बदलते मौसम में कमजोर होती इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए गिलोय नाम की औषधी का उपयोग किया जा सकता है। गिलोय में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण सर्दी, बुखार और फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। मानसून के दौरान गिलोय के इस उपाय को करने के लिए उसका काढ़ा बनाकर पिएं।

तुलसी

आयुर्वेद के अनुसार तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल जैसे कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो मानसून के दौरान संक्रमण को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।

मुलेठी

बारिश के दौरान खांसी, जुकाम, गले में खराश जैसी समस्याएं अकसर परेशान करती हैं। ऐसे में मुलेठी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण, इन समस्याओं को दूर करके सेहतमंद बने रहने में मदद कर सकते हैं। मुलेठी का उपयोग आप चाय या काढ़ा बनाते समय कर सकते हैं।

अश्वगंधा

अश्वगंधा एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, जो कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोगों का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती है। लेकिन आमतौर पर अश्वगंधा का इस्तेमाल व्यक्ति थकान मिटाने, शारीरिक और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए करता है। इसके अलावा अश्वगंधा को स्टेमिना बढ़ाने वाली कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।