पीरियड्स में महिलाओं का संघर्ष: जानिए क्यों होता है मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन

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पीरियड्स में महिलाओं का संघर्ष: जानिए क्यों होता है मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन

Periods

Photo Credit: Social Media


मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं को होना एक प्राकृतिक रूप है2। महीने के उन दिनों में ज्यादातर महिलाएं विशेष अनुभव करती हैं, क्योंकि इस समय हार्मोन्स में काफी उतार-चढ़ाव आ रहे होते हैं।

शारीरिक परिवर्तन और लक्षण

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याएं होती हैं, जैसे:
  • ब्रेस्ट में सूजन
  • सिरदर्द
  • कमर दर्द
  • पेट फूलना
  • भूख में कमी
  • चॉकलेट जैसी खास चीजों की तलब2

मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक प्रभाव

इस दौरान महिलाओं को निम्नलिखित मानसिक लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:
  • मुंहासे
  • उत्तेजना
  • थकान
  • अनिद्रा
  • ऊर्जा की कमी
  • अवसाद
  • मूड में बदलाव
कई बार अत्यधिक दर्द के कारण महिलाओं के मन में गुस्से और नकारात्मक विचार भी उत्पन्न होते हैं।

मूड स्विंग का वैज्ञानिक कारण

पीरियड्स के दौरान होने वाले तनाव से दिमाग में पिट्यूटरी और ओवेरी के बीच का संबंध प्रभावित होता है। इस समय शरीर में कई तरह के न्यूरोकेमिकल बदलाव होते हैं।

हार्मोनल बदलाव और उनका प्रभाव

पीरियड्स के दिन महिलाओं के लिए बेहद कठिन होते हैं। इस दौरान शरीर में तरह-तरह के हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, जिससे विभिन्न भावनाएं प्रबल हो जाती हैं। इसी कारण से महिलाओं को गुस्सा आने लगता है, हालांकि यह अस्थायी होता है।

प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर

इस दौरान महिलाएं अक्सर परेशान रहती हैं। इस स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर कहा जाता है। यह तब होता है जब मस्तिष्क के रिसेप्टर्स हार्मोनल उतार-चढ्ाव पर असामान्य प्रतिक्रिया करते हैं।

स्वास्थ्य देखभाल का महत्व

इसलिए यह आवश्यक है कि महिलाएं इन कठिन दिनों में अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का विशेष ध्यान रखें4। इस दौरान टहलने जाना या दोस्तों के साथ समय बिताना लाभदायक हो सकता है। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, मूड स्विंग भी कम होते जाते हैं।