दतिया: पंचायत चुनाव: ग्रामीण क्षेत्र में चुनावी बुखार चरम पर

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दतिया: पंचायत चुनाव: ग्रामीण क्षेत्र में चुनावी बुखार चरम पर


दतिया: पंचायत चुनाव: ग्रामीण क्षेत्र में चुनावी बुखार चरम पर


दतिया, 23 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान 25 जून को होना है। इससे पहले चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उम्मीदवार गांव-गांव घर-घर जाकर आशीर्वाद मांग रहे हैं।

दरअसल, अगले वर्ष सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव सेमी फाईनल के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि जिले में आजकल ग्रामीण क्षेत्र में जनपद जिला पंचायत, सरपंची का चुनाव चरम पर है। चुनाव की तारीख जितनी नजदीक आती जा रही है इतनी सक्रियता प्रत्याशियों की बढ़ती जा रही है।

बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र की महिला मतदाताओं से जब चर्चा की गई तो उन्होंने बताया की निर्वाचन में चार मतपत्र का उपयोग करना है कई अशिक्षित महिलाएं जो प्रथम बार या बिना पढ़ी लिखी हैं। उन्हें चुनाव चिन्ह तक याद नहीं रहता तो या तो वह खाली मतपत्र छोड़ कर चली जाती है या फिर जो मन में आए मतदान कर देती हैं। कई जगह ग्रामीण जनों का कहना है कि जनप्रतिनिधि सड़क पानी बिजली खरंजा हेडपंप आदि समस्याओं तथा समाज के गरीब व्यक्तियों की समस्याओं के निराकरण ध्यान दें तो कभी वह हार नहीं सकता, लेकिन जीतने के बाद जनप्रतिनिधि जनता से दूरी बना कर अपना पेट भरने का कार्य करने लगते हैं। जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करती रहती है यह हर समय का उदाहरण देखने को मिलता है।

ग्रामीण जनों का कहना है कि चुनावी समय चुनाव लड़ने वाले बहुत सारे वादे करते हैं पर चुनाव के बाद वादे भूल जाते हैं युवा ग्रामीण जनों का कहना था कि हमें रोजगार व कौशल विकास जैसे कार्यक्रमों से जनप्रतिनिधि को जोड़ना चाहिए उन्हें प्रशिक्षण देकर उनके जीवन को नई दिशा देने का काम करना चाहिए। महिलाओं से चर्चा करने पर बताया कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार गैस सिलेंडर स्व सहायता समूह आदि प्रोग्राम चलाकर महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही है, लेकिन इसके बाद आज भी महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र में कैसे रोजगार मिले इस पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिल रहा है कि कई जगह पैसे वाले उम्मीदवार मंदिरों पर जाकर भंडारे का आयोजन कर रहे हैं उसी भंडारे के आयोजन में ग्रामीण जनों से मंदिर निर्माण के लिए लाखों रुपए देकर अपने पक्ष में मतदान करने की बात कह रहे हैं।

प्रत्याशी वार्ड क्रमांक-1 बसई से प्रियंका पुत्री महेश राजपूत का कहना है कि मैं एक पढ़ी-लिखी शिक्षक जनप्रतिनिधि के रूप में अपने आप को सिद्ध करना चाहूंगी मैं चाहूंगी कि क्षेत्र की महिलाएं गरीब किसान आदि सभी की समस्याओं के लिए मैं संघर्ष करूं क्षेत्र की पानी बिजली एवं सड़क आज की समस्याओं के लिए मैं लड़ाई लड़ी ऐसे में प्रयास करूंगी उनका कहना था कि जो अभी तक क्षेत्र में विकास नहीं हुआ है उसके लिए मैं जन प्रति बनकर शासन और प्रशासन से समस्याओं के निराकरण के लिए पहल करूंगी

वहीं जिला दतिया ग्राम भुला सतेन्द्र परिहार का कहना है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुये गांव में शाला संचालित की जाये विगत 4 वर्ष से सेटेलाईट शाला संचालित थी। शाला भवन भी है और उसमें 16 बच्चें अध्ययन कर रहे थे परन्तु विद्यालय की शाला बंद है 3 किलों मीटर दूर ग्राम दरियापुर में शाला है जहां बच्चों को पैदल इसलिए नहीं भेजते कि नहर के किनारे कच्ची रोड़ है जिस पर बच्चों का गिरने का डर रहता है। स्वास्थ्य, शिक्षा व मूल भूत सुविधाओं से गांव का विकास कौसो दूर है चुनाव से पूर्व जनप्रतिनिधि कई बार बादे तो कर गये परन्तु जीतने के बाद कभी गांव नहीं आये।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष तिवारी/राजू