धार: सरकारी मसीही अस्पताल के मामले में पुलिस ने पेश किया चालान

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धार: सरकारी मसीही अस्पताल के मामले में पुलिस ने पेश किया चालान


धार: सरकारी मसीही अस्पताल के मामले में पुलिस ने पेश किया चालान


धार, 23 जून (हि.स.)। करोडों के मसीही अस्पताल घोटाले में नौगांव पुलिस ने गुरुवार को चालान पेश कर दिया है। इस अस्पताल को सेवा के लिए धार के राजा ने रत्नागर पीटर दास को सौंपा था। उनकी मौत के बाद अस्पताल बंद हो गया। रत्नागर के बेटे भू माफिया सुधीर दास ने इसे कौडियों के दाम पर माफिया सुधीर जैन और उसके साले अंकित बडेरा को बेच दिया।

बताया जाता है कि जैन यहां पर बडा काम्पलेक्स बनाना चाहता था, लेकिन पुलिस की जांच में माफियाओं के सपने चूर-चूर हो गए। सरकारी संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने वाले अब पुलिस से भाग रहे हैं। वहीं बेचने वाला माफिया दास जेल में बंद है। इसकी कीमत वर्तमान में 60 करोड रुपये है।

धार महाराज आनंद राव पंवार ने उदय रंजन क्लब के सामने मुख्य सडक़ से लगी 0.493 हेक्टेयर जमीन 19 अगस्त 1895 में महिलाओं के निशुल्क उपचार के लिए कैंडियन चर्च काउंसिल को दी थी। साथ ही सेंट टेरेसा कपांउंड की जमीन डाक्टरों और अन्य कर्मचारियों के रहने के लिए दी थी। दोनों जमीन का उपयोग सिर्फ जनकल्याण के लिए था। बाद में तहसीलदार ने शिकायत की थी।

मामले की जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर माफिया सुधीर जैन व अंकित बडेरा और माफिया सुधीर दास के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज गई थी। दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जैन और बडेरा दोनों फरार चल रहे है। सेंट टेरेसा मामले में जैन दंपती को 28 जून तक पेश होना है इसके बाद इनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी

तत्कालीन एसडीएम ने दिया माफिया का भरपूर साथ

सेंट टेरेसा और मसीही अस्पताल के मामले में तत्कालीन एसडीएम सीके गुप्ता और नपा के एक इंजीनियर ने साथ दिया। सेंट टेरेसा मामले में गुप्ता और इंजीनियर सुधीर ठाकुर भी गिरफ्तार हुए थे। नौगांव पुलिस के मुताबिक 2001 के पहले तक अस्पताल का नाम नपा में शामिल नहीं था। इसके बाद 2004 में आरोपी सुधीर दास का नाम शामिल हो गया। नपा के दस्तावेजों में इंट्री तो है लेकिन आनलाईन और जमीन से जुडे दस्तावेज नहीं है। जांच में येजमीन सरकारी निकली। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम गुप्ता ने माफिया का साथ देकर उन्हें पूरा पूरा लाभ दिलाया।

करोडों की जमीन 11 लाख में दी

इस मामले में एसपी आदित्या प्रताप सिंह के निर्देशन में सीएसपी देवेंद्र धुर्वे ने जांच की। जांच में पता चला कि 2009 में जमीन को 11 लाख रुपए अंकित बडेरा को माफिया दास ने बेच दी। बाद में टुकडोंं-टुकडों में जमीन के सौदे होते रहे। मालिक बताने का खेल भी चलता रहा। यहां पर दुकान, आफिस का संचालन किया जा रहा था। नौगांव थाने ने पूरे मामले में खासी मशक्कत की। टीआइ आनंद तिवारी ने बताया 20 लोगों बयान दर्ज करने के अलावा 150 पेज राजस्व, 100 पेज नपा से जुटाए। साथ ही खुदाई के दौरान एक पत्थर भी निकला जिसमें साफ लिखा है कि अस्पताल की स्थापना कब की गई थी।

हिन्दुस्थान समाचार /ज्ञानेंद्र त्रिपाठी