जुमे की नमाज़ के लिए होली पर लगे दो घंटे का ब्रेक, मेयर के बयान ने मचाई सनसनी!

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जुमे की नमाज़ के लिए होली पर लगे दो घंटे का ब्रेक, मेयर के बयान ने मचाई सनसनी!

Anjum Ara

Photo Credit: Social Media


गर्मियों का मौसम शुरू होते ही त्योहारों की तैयारी भी जोरों पर हो जाती है। इस बार होली और रमजान का पवित्र महीना एक साथ आ रहा है, जिससे उत्साह के साथ-साथ कुछ चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। बिहार के दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। उन्होंने सुझाव दिया कि होली के दिन दो घंटे का ब्रेक लिया जाए, ताकि जुमे की नमाज बिना किसी परेशानी के संपन्न हो सके। यह बयान जैसे ही सामने आया, वैसे ही लोगों के बीच बहस छिड़ गई। कोई इसे शांति का प्रयास बता रहा है, तो कोई इसे गलत ठहरा रहा है। आइए, इस पूरे मामले को करीब से समझते हैं।

मेयर का प्रस्ताव और उसकी वजह

दरभंगा की मेयर अंजुम आरा ने यह बात एक शांति समिति की बैठक के बाद कही। उनका कहना था कि 14 मार्च को होली का त्योहार है और उसी दिन जुमे की नमाज भी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि नमाज का समय बदला नहीं जा सकता, इसलिए दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक होली के उत्सव में थोड़ी देर के लिए रुकावट होनी चाहिए। मेयर ने यह भी अपील की कि इस दौरान होली खेलने वाले लोग मस्जिदों और नमाज की जगहों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। उनका मानना है कि ऐसा करने से दोनों समुदाय अपने-अपने तरीके से अपने त्योहार और इबादत को शांति से पूरा कर सकेंगे। अंजुम आरा ने यह भी जोड़ा कि पहले भी होली और रमजान एक साथ आए हैं और दरभंगा में ये मौके हमेशा शांति से बीते हैं।

लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

मेयर के इस सुझाव के बाद हर तरफ चर्चा शुरू हो गई। कुछ लोगों ने इसे एक अच्छा कदम बताया। उनका कहना था कि इससे आपसी भाईचारा बढ़ेगा और दोनों समुदाय एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान कर सकेंगे। लेकिन कुछ लोगों को यह बात पसंद नहीं आई। खासकर बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने इस पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि होली पर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ठाकुर ने मेयर के बयान को गलत ठहराते हुए कड़े शब्दों में अपनी बात रखी। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गर्म हो गया, जहां लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।

राजनीतिक हलचल और बयानों का दौर

इस बयान ने न सिर्फ आम लोगों के बीच, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी। बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधा। पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि यह एक सोची-समझी चाल है, जो समाज को बांटने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने मेयर के बयान से दूरी बनाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम त्योहारों पर पाबंदी लगाना नहीं, बल्कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। इस बीच, अंजुम आरा के समर्थकों का कहना है कि उनका इरादा सिर्फ शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना था।

मेयर ने मांगी माफी

जब यह विवाद बढ़ता हुआ दिखा, तो अंजुम आरा ने अपनी बात को साफ करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। सुबह से ही लोग उन्हें तरह-तरह की बातें कह रहे थे, जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर खेद जताया। मेयर ने कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी को दुख पहुंचा, तो वे इसके लिए माफी मांगती हैं। उनका इरादा सिर्फ यह था कि दरभंगा में शांति बनी रहे और सभी लोग अपने त्योहार खुशी से मना सकें। इस माफी के बाद कुछ लोग शांत हुए, लेकिन बहस अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।