भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की सोच के सूत्रधार थे बालेश्वर अग्रवाल: राम बहादुर राय

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भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की सोच के सूत्रधार थे बालेश्वर अग्रवाल: राम बहादुर राय

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नई दिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने शुक्रवार को यहां कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के संस्थापक स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल ने भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का काम किया है। आज के समय में नई शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। एक तरह से कहा जाए तो वह भारतीय भाषाओं को विस्तार देने के कार्य के सूत्रधार रहे हैं।

बालेश्वर अग्रवाल जन्म शताब्दी समापन समारोह में आज तीन मूर्ति सभागार में डॉ रामाशंकर कुशवाहा की पुस्तक ‘बालेश्वर अग्रवाल : जीवन यात्रा’ का लोकार्पण किया गया। इस दौरान समापन समारोह से जुड़ी समारिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, हिन्दुस्थान समाचार और प्रभात प्रकाशन के संयुक्त प्रयास से किया गया था।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राम बहादुर राय ने कहा कि बालेश्वर अग्रवाल ने कंपनी के तौर पर चल रहे हिन्दुस्थान समाचार को कोऑपरेटिव सोसायटी में बदला। आज भारत सरकार ने कोऑपरेटिव क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है।

बालेश्वर अग्रवाल की जीवनी लिखने वाले डॉ रामाशंकर कुशवाहा को बधाई देते हुए डॉक्टर राय ने कहा कि उन्होंने एक इतिहास का सृजन किया है। वह इतिहास जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शुरू होकर 45 देशों की यात्रा पर समाप्त हुआ। उनकी जीवनी लिखने का यह कार्य इसलिए भी जरूरी था कि उनका प्रेरक जीवन केवल स्मृति भर न रह जाए और आने वाली पीढ़ियां उनके बारे में जान सके।

राय ने आगे कहा कि उन्होंने इससे पहले स्वर्गीय प्रभाष जोशी की जीवनी लिखी थी। शायद ही अबतक किसी पत्रकार की जीवनी लिखने का इस तरह का प्रमाणिक कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय बालेश्वर अग्रवाल की जीवनी लिखने में हिन्दुस्थान समाचार के पूर्व अध्यक्ष आर के सिन्हा का बड़ा योगदान रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष अरविंद मार्डीकर ने इस दौरान समाचार एजेंसी के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दिया। साथ ही उन्होंने बालेश्वर अग्रवाल के एजेंसी के लिए किए गए योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि बाबा साहेब आपटे को हिन्दुस्थान समाचार की स्थापना की प्रेरणा वीर सावरकर से प्राप्त हुई थी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष राजदूत वीरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बालेश्वर अग्रवाल के जीवन का अनुसरण करना बेहद कठिन कार्य है। उनकी वसुधैव कुटुम्बकम के प्रति प्रतिबद्धता ने दुनिया को भारतीय समुदाय के माध्यम से जोड़ा। राजनीतिक स्वीकार्यता के बिना ही उन्होंने सभी सम्मिलित करते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद जैसे प्रभावी मंच का सृजन किया।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के महासचिव श्याम परांडे ने कहा कि बालेश्वर अग्रवाल संघ के प्रचारक रहे और उन्होंने दो संस्थाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह दो संस्थाएं थीं हिन्दुस्थान समाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद। उन्होंने उस दौर में हिन्दुस्थान समाचार को खड़ा किया जब देश में अंग्रेजी समाचार एजेंसियों का बोलबाला था। अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के माध्यम से उन्होंने दुनियाभर में भारतीय समुदाय को जोड़ा और प्रवासी भारतीय दिवस की परिकल्पना बनी।

पुस्तक के लेखक डॉ रामाशंकर कुशवाहा ने कहा कि बालेश्वर अग्रवाल की जीवनी दो भागों में है। इसमें से प्रथम भाग में 21 अध्याय हैं जो उनकी जीवन यात्रा को समर्पित हैं। वहीं दूसरे भाग में पांचजन्य में लिखे उनके 27 लेखों का संकलन है जिसमें उनके विचार हमारे सामने प्रगट होते हैं। उन्होंने पुस्तक लेखन में पांच साल लगाए हैं। बालेश्वरजी के जीवन पर लिखना समुद्र में मोती खोजने के समान था क्योंकि उन्होंने अपने बारे में कभी नहीं लिखा।