रक्षा मंत्री बोले, वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग, सशस्त्र बलों की तैयारी को मजबूत करने की कुंजी

नई दिल्ली | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) को त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेकर वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। उन्होंने इसको सशस्त्र बलों की युद्ध संबंधी तैयारी को मजबूत करने की कुंजी बताया। केंद्रीय बजट 2022-23 में रक्षा मंत्रालय को कुल 5.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसमें पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने 14 नवंबर को नई दिल्ली में डीएडी के दो दिवसीय नियंत्रक सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को रक्षा वित्त प्रणाली का प्रहरी बताया। डीएडी रक्षा मंत्रालय (एमओडी) को आवंटित बजट की देखरेख करता है। आंतरिक लेखापरीक्षा समेत अन्य सहायक गतिविधियों के अलावा कर्मचारियों के वेतन व भत्ते, पेंशनरों को भुगतान, विभिन्न प्रकार के अधिग्रहण के लिए वित्तीय सलाह मामलों का निपटान तथा पहले और तीसरे पक्ष के दावों का निपटारा भी करता है।
राजनाथ सिंह ने लाभार्थियों, यानी सैनिकों, पेंशनभोगियों और तीसरे पक्ष को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'सार्वजनिक वित्त प्रबंधन फेसलेस लेन-देन की प्रणाली की ओर' नामक यह पर सत्र रक्षा वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन डीएडी की सेवाओं में और सुधार करेगा। इसके कामकाज में पारदर्शिता लाएगा तथा मानव संसाधन प्रबंधन को मजबूत करेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह सत्र सलाहकारों को वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन और निर्णय लेने से संबंधित मुद्दों को समझने में मदद करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय पर वित्तीय सलाह प्रदान करने के लिए क्लाइंट की जरूरतों की संवेदनशील समझ के साथ-साथ डोमेन विशेषज्ञता आवश्यक है। उन्होंने नियंत्रकों से एक सहयोगी की मानसिकता के साथ काम करने और दोनों पक्षों के लाभ के लिए काम करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने डीएडी पर एक डाक टिकट और एक विशेष आवरण लिफाफा जारी किया। उद्घाटन सत्र में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने भाग लिया।
हर दो-तीन साल में समय-समय पर आयोजित किया जाने वाला यह सम्मेलन डीएडी और एमओडी को विभिन्न मुद्दों का जायजा लेने, विचार-विमर्श करने और स्थायी समाधान पर पहुंचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस वर्ष देशभर से रक्षा लेखा के 100 से अधिक प्रधान नियंत्रक (पीसीडीए) रक्षा लेखा नियंत्रक (सीडीए) एकीकृत वित्तीय सलाहकार (आईएफए) इसमें भाग ले रहे हैं।