अंकिता की मौत से झारखंड में उबाल, सरकार ने परिजनों को सौंपा दस लाख रु. का चेक

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अंकिता की मौत से झारखंड में उबाल, सरकार ने परिजनों को सौंपा दस लाख रु. का चेक

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-दुमका के बेदिया घाट में अंकिता को उसके दादा अनिल सिंह ने दी मुखाग्नि
 


रांची। झारखंड के दुमका जिले में एक तरफा प्यार में सिरफिरे आशिक ने जिस तरह से 12वीं कक्षा की छात्रा अंकिता सिंह (17) को जिंदा जला दिया, उससे राज्य के लोगों में तीखा आक्रोश है। सोमवार को तनावपूर्ण माहौल के बीच अंकिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लोगों के गुस्से और विपक्षी दलों की आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई है। राज्यपाल रमेश बैस ने भी दो लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है।

अंकिता की अंतिम यात्रा आज सुबह जरुआडीह स्थित उसके घर से निकली तो हजारों की संख्या में लोग इसमें शामिल हुए। जिले के डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर कर्ण सत्यार्थी, एसडीएम महेश्वर महतो पूरे समय नजर बनाए रखे। अंतिम यात्रा के दौरान जिला पुलिस तथा एसएसबी, आईआरबी, एसआईआरबी और रैपिड एक्शन पुलिस के पुरुष और महिला जवान और बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहे। अंकिता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में सांसद सुनील सोरेन सहित दुमका के जिला प्रशासन के लोग भी शामिल हुए। सांसद निशिकांत दुबे, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी सहित अन्य नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। दुमका के बेदिया घाट में अंकिता को उसके दादा अनिल सिंह ने दी मुखाग्नि दी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अंकिता की मौत पर गहरा दुःख एवं शोक व्यक्त किया। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि घटना को अंजाम देने वाले को कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को उक्त मामले में एडीजी रैंक के अधिकारी द्वारा जांच की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने अंकिता के परिजनों को दस लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस घटना का फास्ट ट्रैक से निष्पादन करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद दुमका डीसी ने अंकिता के परिजनों को 10 लाख रुपये का चेक दे भी दिया। मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री बन्ना गुप्ता और अन्य ने अपराधी को फांसी की सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है।

राज्यपाल ने भी तत्काल दो लाख रुपये देने की घोषणा की

राज्यपाल रमेश बैस ने भी तत्काल दो लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। राज्यपाल ने भी अंकिता के साथ हुई घटना और उसकी मौत को दुख जताया। उन्होंने कहा कि एक लड़की जिसने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसका इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है। इस प्रकार की जघन्य और पीड़ादायी घटना राज्य के लिए शर्मनाक है। राज्यपाल ने भी इस घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कही।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने अंकिता हत्याकांड का लिया संज्ञान

राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली ने अंकिता हत्याकांड का संज्ञान लिया है। आयोग इस मामले को लेकर चिंता जतायी है। साथ ही इस मामले में पहल करते हुए झारखंड के डीजीपी से जवाब तलब किया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस घटना को बेहद दयनीय बताया है। उन्होंने कहा है कि लड़कियों को जबर्दस्ती शादी के लिए नहीं मनवाया जा सकता। इस केस में दुमका की अंकिता पर दबाव बनाया गया। उसे जिंदा जलाने की कोशिश हुई। अंततः उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। डीजीपी से इस हत्याकांड और पूरे मामले की रिपोर्ट सात दिनों के अंदर मांगी गयी है।

गौरतलब है कि रविवार की सुबह जब उसकी मौत की खबर आई तो दुमका में तनाव की स्थिति बन गई। दुकान-बाजार बंद हो गए। गुस्साए लोग सड़कों पर उतर गए और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भी दुमका-भागलपुर रोड पर घंटों जाम लगाया। इस विरोध प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद थे। लोगों ने बाजार भी बंद कराया। स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने आरोपित शाहरुख को फांसी देने की मांग की।

अंकिता हत्या मामले में एडीजी पहुंचे दुमका, परिजनों से की बात

अंकिता हत्या मामले में सोमवार को एडीजी दुमका पहुंचे। यहां से मृतक अंकिता का घर जरुवाडीह जाकर उनके परिजनों से बातचीत करते हुए उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आरोपितों की कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कोर्ट से की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त को 12वीं की छात्रा अंकिता दुमका के जरुवाडीह मोहल्ले में अपने घर में सोई हुई थी। उसी दौरान पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिड़की से पेट्रोल डालकर उसके ही घर में ही उसे जिंदा जला कर मारने का प्रयास किया था। बेहद गंभीर स्थिति में उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया था, जहां इलाज के दौरान शनिवार रात उसकी मौत हो गई।। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपित शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया है। शाहरुख युवती से एकतरफा प्यार करता था, लेकिन युवती उससे बात करना पसंद नहीं करती थी। उसने दोस्ती करने के लिए कई बार युवती पर दबाव बनाया, लेकिन नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। अंकिता की बूढ़ी दादी ने कहा कि आरोपित को फांसी की सजा दी जाए, जिसने मेरी पोती की जान ली है। इधर, पुलिस ने सोमवार को शाहरुख हुसैन के साथी छोटू खान को भी गिरफ्तार कर लिया है। छोटू खान पर आरोप है कि उसने ही पेट्रोल शाहरुख को दी थी।

बताया जाता है कि शाहरुख अंकिता को दो साल से परेशान कर रहा था। अंकिता ने इसकी शिकायत अपने पिता से भी की थी, लेकिन समाज में बदनामी के डर से उन्होंने आगे कदम नहीं उठाया। इसके बाद जब शाहरुख ज्यादा परेशान करने लगा तो वो पुलिस में शिकायत करने पहुंचे लेकिन शाहरुख के बड़े भाई ने मांफी मांग ली और कहा कि वो अब ऐसा नहीं करेगा। कुछ दिन शांत रहने के बाद उसकी हरकतें फिर शुरू हो गईं। बीते 15 दिनों से वो अंकिता को कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा था।

मरने से पहले अंकिता ने अपने साथ हुई बर्बरता की पूरी कहानी बयां की थी

अस्पताल में भर्ती अंकिता ने मौत से कुछ ही घंटों पहले अपने साथ हुई बर्बरता की पूरी कहानी बयां की थी। उसने बताया कि 23 अगस्त की सुबह पांच बजे के आसपास मैं अपने कमरे में सो रही थी। अचानक कमरे की खिड़की के पास आग की लपटें देखकर मैं डर गई। जब मैंने खिड़की खोली तब देखा कि मोहल्ले का शाहरुख हुसैन हाथ में पेट्रोल का कैन लिये मेरे घर की तरफ से भाग रहा था। तब तक आग मेरे शरीर में भी लग चुकी थी और मुझे काफी जलन सी महसूस हो रही थी। अंकिता ने मौत से पहले के अपने बयान में कहा कि पिछले दस-पंद्रह दिन से वह मेरा पीछा कर रहा था। जब भी मैं स्कूल या ट्यूशन के लिए जाती, वह मेरा पीछा करता। हालांकि, मैंने कभी उसकी हरकतों को सीरियसली नहीं लिया लेकिन उसने कहीं से मेरे मोबाइल का नम्बर जुगाड़ लिया था। उसके बाद अक्सर मुझे फोन करके मुझसे दोस्ती करने का दबाव बनाने लगा। अंकिता के मुताबिक शाहरुख ने धमकी भी दी थी कि अगर मैं उसकी बात नहीं मानूंगी तो वह मुझे और मेरे परिवार वालों को मार देगा। मुझे उसकी हरकतों का अंदेशा तो था लेकिन यह नहीं समझ पाई कि मेरे साथ ऐसा होगा। 22 अगस्त की रात उसने मुझे धमकी दी थी कि अगर मैं उसकी बात नहीं मानूंगी तो वह मुझे मारेगा। मैंने पापा को यह बात बताई तो उन्होंने कहा कि सुबह होने के बाद इस मामले का हल निकाला जाएगा। कोई इस समस्या का हल निकल पाता उससे पहले ही 23 अगस्त की सुबह शाहरुख ने पेट्रोल छिड़ककर मुझे जला दिया।